अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ईरानी तेल टैंकर को रिहा किए जाने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पोम्पियो की सोमवार को फॉक्स न्यूज के साथ हुई बातचीत के बयान के हवाले से कहा है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहाज को रिहा कर दिया गया।
बता दें कि अपना नाम ग्रेस-1 से बदलकर एड्रियन दरया-1 कर लेने वाले ईरानी जहाज, जिसे सीरिया को तेल ट्रांसपोर्ट करने के संदेह में जिब्राल्टर में हिरासत में लिया गया था। यह जहाज ब्रिटिश क्षेत्र में बंदरगाह को छोड़ने के बाद यूनान के रास्ते में था।
ईरान ने अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की पेशकश ठुकराई, दोनों देशों में बढ़ी तकरार
जिब्राल्टर जो कि ब्रिटिश क्षेत्र है, सरकार द्वारा यह बताने के बाद कि जहाज यूरोपीय संघ प्रतिबंधों का उल्लंघन कर सीरिया जा रहा है, चालक दल के 29 सदस्यों वाले जहाज को चार जुलाई को ब्रिटिश नौसेनिकों की मदद से जब्त किया गया था। चालक दल में भारत, रूस, लातविया और फिलीपींस के सदस्य थे।
गौरतलब है कि जहाज 21 लाख बैरल तेल ले जा रहा था। हालांकि, ईरान ने इस बात को सिरे से नकार दिया था कि जहाज सीरिया जा रहा है।
ब्रिटेन ने 45 दिन बाद जहाज को किया रिहा
बता दें कि जिब्राल्टर के अधिकारियों ने ईरान से आश्वासन मिलने के बाद कि वह सीरिया में अपने माल को नहीं भेजेगा, 15 अगस्त को एड्रियन दरिया-1 को मुक्त कर दिया।
इसके अगले दिन अमरीकी न्याय विभाग ने जहाज को हिरासत में रखने का अनुरोध दायर किया था कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) से संबंध हैं, जिसे उसने एक आतंकवादी समूह नामित किया है।
अमरीका: कोलोराडो के पूर्व गवर्नर हिकेनलूपर राष्ट्रपति पद की रेस से हटे
जिब्राल्टर ने रविवार को एक बयान में कहा कि यह अनुरोध का अनुपालन नहीं कर सकता क्योंकि IRGC को यूरोपीय संघ द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में नहीं देखा गया है।
लंदन में ईरान के राजदूत हामिद बेईदीनजाद ने भी रविवार को एक ट्वीट में पुष्टि की कि सुपरटैंकर ने जिब्राल्टर में हिरासत में लिए जाने के 45 दिनों के बाद अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में अपनी यात्रा शुरू कर दी है।