पार्सेल पर चीन, ताइवान और वियतनाम अपना-अपना दावा ठोकते रहे हैं। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में आने वाले पोत पहले उनकी अनुमति लें
नई दिल्ली। दक्षिण चीन सागर में बढ़ती चीनी गतिविधियों को अमरीका ने अब खुली चुनौती दी है। अमरीका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क राइट के मुताबिक, “मिसाइल विध्वंसक यूएसएस कर्टिस विल्बर तीन दावेदारों को सूचित किए बिना पार्सेल सीरीज में ट्राइटन द्वीप के 22 किलोमीटर के इलाके में गया ताकि पार्सेल द्वीप पर दावा करने वाले पक्षों के अत्यधिक समुद्री दावों को चुनौती दी जा सके।” हालांकि चीन ने इसकी घोर निंदा की है।
गौरतलब है कि पार्सेल पर चीन, ताइवान और वियतनाम अपना-अपना दावा ठोकते रहे हैं। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में आने वाले पोत पहले उनकी अनुमति लें। यह ताजा अभियान मुख्य रूप से चीन को निशाना बनाकर किया गया था। चीन ने अमरीका की इस कार्रवाई पर तत्काल जवाब दिया।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यांग युजुन ने बयान जारी करके कहा कि अमरीका की यह कार्रवाई, “चीन के कानून का गंभीर उल्लंघन करती है, इससे जल क्षेत्रों में शांति, सुरक्षा और सुव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है और साथ ही इलाके की शांति, स्थिरता को भी ठेस पहुंची है।”
यांग ने कहा कि, “द्वीप पर मौजूद चीनी बलों, नौसेना के पोतों और युद्धविमानों ने तत्काल कार्रवाई की, अमेरिकी युद्धपोत को चिह्नित किया और उसे चेतावनी देकर इलाके से बाहर कर दिया।”
उन्होंने कहा कि, “अमेरिका का अभियान ‘दोनों पक्षों के बलों की सुरक्षा के लिए एक गैरजिम्मेदाराना और बेहद गैर पेशेवर था और इससे अत्यंत घातक परिणाम हो सकते हैं।”
चीनी सुरक्षा बल, “चीन की संप्रभुता एवं सुरक्षा की रक्षा के लिए हर वो कदम उठाएंगे जो जरूरी हैं। इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीनी पक्ष ने निगरानी की और ‘उसने अमेरिकी युद्धपोत को मौखिक चेतावनी दी।”