‘बाय अमरीकन, हायर अमरीकन’ का एजेंडा
अमरीकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) ने शुक्रवार को कहा कि प्रस्तावित बदलाव लाभार्थियों के चयन में और अधिक योग्यता का मानक रखेगा और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘बाय अमरीकन, हायर अमरीकन’ के कार्यकारी आदेश के तहत अधिक कुशल या उच्च भुगतान वाले लाभार्थियों को एच1-बी वीजा देने को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
लॉटरी के माध्यम से नहीं होगा चुनाव
अमरीकी सरकार के मुताबिक, पिछले साल 75.6 फीसदी एच1-बी वीजा भारतीयों को दिए गए थे। डीएचएस ने कहा कि अमरीकी आव्रजन एवं कस्टम सेवा (यूएससीआईएस) वर्तमान आदेश को पलट देगा, जिसके तहत पहले एच1-बी वीजा के आवेदकों को एक लॉटरी के माध्यम से चुना जाता था। यह वीजा अमरीकी विश्वविद्यालयों से मास्टर और पीएचडी डिग्री वाले कामगारों को जारी किया जाता था और उसके बाद यह सभी को दिया जाने लगा। यूएससीआईएस आव्रजन का प्रंबधन करता है।
65 हजार एच1-बी वीजा सभी आवेदकों के लिए उपलब्ध
कांग्रेस द्वारा मंजूर प्रणाली के तहत 65 हजार एच1-बी वीजा सभी योग्य आवेदकों के लिए उपलब्ध हैं और बाकी 20 हजार एडवांस अमरीकी डिग्री रखने वालों के लिए आरक्षित हैं। एच1-बी वीजा के लिए बहुत बड़ी संख्या में आवेदकों को देखते हुए सरकार वीजा के लिए उम्मीदवारों के चयन में लॉटरी का प्रयोग करती है। डीएचएस ने कहा कि यह कदम उच्च शिक्षा के अमरीकी संस्थान से मास्टर या हाइर डिग्री वाले लाभार्थियों की बढ़ती संख्या को प्रभावित कर सकता है।