अमरीका

ई-कचरा पैदा करने में अमरीका टॉप पर, भारत 5वें नंबर पर

मरीका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर जापान है, जबकि भारत से पहले जर्मनी चौथे स्थान पर है

Apr 21, 2015 / 08:29 am

शक्ति सिंह

e-waste

वाशिंगटन। इलेक्ट्रानिक कचरा पैदा करने में अमरीका टॉप पर है जबकि भारत पांचवां देश बन चुका है। भारत ने वर्ष 2014 में 17 लाख टन इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कचरे के रूप में निकाले। यूनाइटेड नेशंस यूनिर्विसटी के ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर 2014 रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष ई-कचरा पैदा करने वालों में अमरीका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर जापान है, जबकि भारत से पहले जर्मनी चौथे स्थान पर है।

तेजी से बढ़ेगा ई-कचरा
रिपोर्ट की मानें तो अगले तीन साल में ग्लोबल स्तर पर ई-कचरा 21 फीसदी तक बढ़ सकता है। पिछले साल दुनिया में सबसे ज्यादा 1.6 करोड़ टन ई-कचरा एशिया में पैदा हुआ। इनमें चीन में 60 लाख टन, जापान में 22 लाख टन और भारत में 17 लाख टन ई-कचरा पैदा हुआ। वहीं यूरोप में सबसे ज्यादा ई-कचरा करने वाले देशों में नॉर्वे पहले, स्विट्जरलैंड दूसरे, आइसलैंड तीसरे, डेनमार्क चौथे और ब्रिटेन पाचवें पायदान पर रहा। वहीं सबसे कम 19 लाख टन अफ्रीका से निकला। वर्ष 2018 में ई-कचरे की मात्रा 21 फीसदी तक बढ़ेगी।

मोबाइल कचरा कम
पिछले साल पैदा हुए ई-कचरा में मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, पीसी, प्रिटर और छोटे आईटी उपकरण की हिस्सेदारी महज 7 फीसदी रही। वहीं करीब 60 फीसदी हिस्से में घरों और कारोबार में इस्तेमाल होने वाले वैक्यूम क्लीनर, टोस्टर्स, इलेक्ट्रिक रेजर्स, वीडियो कैमरा, वाशिंग मशीन जैसे उपकरण थे।

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