डॉग्स को लेकर फिर चर्चा में इमरान खान, अब बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने उठाए सवाल बता दें, ट्रंप जब से सत्ता में आए हैं, मीडिया पर निशाना साधते रहे हैं। उनके निशाने पर अमेरिकी मीडिया हाउस सीएनएन हमेशा सबसे ऊपर रहा है। किंतु इस बार वे गूगल पर भड़के हैं। कुछ दिन पहले ही एक अमेरिकी वेबसाइट में खबर छपी थी, जिसमें कहा गया था कि गूगल पर Idiot सर्च करने पर सबसे पहले
डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर सामने आती है। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था।
इंडोनेशिया में फिर भूकंप के झटके, 6.2 की थी तीव्रता राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि- ट्रंप की खबर को गूगल सर्च रिजल्ट में सर्च करने पर केवल नकारात्मक खबरें ही दिखाई देती हैं। यह फेक न्यू मीडिया हैद। दूसरे शब्दों में कहूं तो कंपनी ने इसमें मेरे और अन्य के खिलाफ हेराफेरी की है। जानबूझकर नकारात्मक खबरें दिखाई गई हैं। इनमें नकली सीएनएन सबसे अहम है। रिपब्लिकन/ कंजरवेटिव और निष्पक्ष मीडिया सब खत्म हो चुके हैं। यह सब अवैध हैं?
एक अन्य ट्वीट में ट्रंप ने लिखा है कि- 96 प्रतिशत से भी अधिक ट्रंप न्यूज के सर्च रिजल्ट राष्ट्रीय वामपंथी मीडिया की तरफ से हैं, और ये काफी खतरनाक हैं। गूगल और अन्य कंपनियां कंजरवेटिव की आवाज दबा रहे हैं और सूचनाओं और खबरों को छिपा रहे हैं। यह काफी गंभीर बात है जिस पर गौर किया जाएगा।
चुनाव आयोग: बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग गलत बता दें, इसी साल जुलाई में यूरोपियन यूनियन में गूगल के मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सिस्टम के खिलाफ 5 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया था, तो ट्रंप जमकर बरसे थे। तब उन्होंने कहा था कि गूगल
अमेरिका की महान कंपनी है।
तस्वीरें सबसे ऊपर क्यों? मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गूगल सर्च में कोई कीवर्ड टाइप करने पर उससे संबंधित तस्वीरें ऊपर आती हैं। ईडियट टाइप करने पर अगर ट्रंप की तस्वीर सामने आती है, तो इसका मतलब है कि उनकी तस्वीर को इस शब्द के साथ टैग करके पोस्ट किया गया है।