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वैज्ञानिकों के लिए बड़ा दिन, गुरुवार को धरती के नजदीक से गुजरेगा asteroid

locationनई दिल्लीPublished: Oct 11, 2017 08:54:39 pm

Submitted by:

Devesh Kr Sharma

इस क्षुद्रग्रह की खोज 2012 में पनोरमिक सर्वेक्षण टेलीस्कोप और रैपिड रिस्पांस सिस्टम (पैन-स्टार्स) ने हवाई ब्लैक में की थी।

गुरुवार को धरती के  नजदीक से गुजरेगा asteroid

asteroid

कैलिफॉर्निया @ पत्रिका. अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार 2012 टीसी 4 नामक क्षुद्रग्रह (एस्‍टेरॉयड) गुरुवार को पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। वैज्ञानिक इस पल का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। इसके अंतरिक्ष में मौजूद संचार उपग्रहों से ठीक ऊपर से गुजरने की आशंका है। इसकी अनुमानित दूरी 42,000 किलोमीटर बताई जा रही है। यह ग्रह जबकि इस ग्रह का आकार 45-100 फीट यानी की 15-30 मीटर हो सकता है। इससे पहले 3122 फ्लोरेंस, जोकि सबसे बड़े ज्ञात क्षुद्रग्रह में से एक है, 2.8 मील (4.5 किलोमीटर) आकार में, पृथ्वी पर से 1 सितंबर को चंद्रमा से 18 गुना दूरी पर पहुंचा था। इस क्षुद्रग्रह के समन्वित अवलोकनों में पता चला है कि फ्लोरेंस के पास दो चांद हैं।
वैज्ञानिक इस अवसर को अंतरराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह चेतावनी नेटवर्क की क्षमता का परीक्षण करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इस क्षुद्रग्रह की खोज 2012 में पनोरमिक सर्वेक्षण टेलीस्कोप और रैपिड रिस्पांस सिस्टम (पैन-स्टार्स) ने हवाई ब्लैक में की थी। पैन-स्टार्स मिशन नासा के अंतरिक्ष रक्षा विभाग की योजना का हिस्सा है। हालांकि खोज के कुछ समय बाद ही यह टेलीस्कोप के दायरे से बाहर हो गया था। भारतीय समय अनुसार गुरुवार सुबह 11.40 पर यह क्षुद्रग्रह अंटार्कटिका के सबसे करीब होगा। पहले इसके पृथ्वी से टकराव की आशंका थी।
ऑर्बिट पूर्वानुमान विशेषज्ञों का कहना है कि क्षुद्रग्रह पृथ्वी के साथ प्रभाव का कोई खतरा नहीं है बहरहाल, पृथ्वी पर इसका करीबी दृष्टिकोण एक वास्तविक परिदृश्य में अपने रडार का समन्वय और एक बढ़ती वैश्विक शक्ति के अवलोकन की क्षमता का परीक्षण करने का एक अवसर है। जबकि इससे पहले यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला के साथ पर्यवेक्षक जुलाई 2012 में, टीसी 4 को विलुप्त होने के बाद से खोजबीन कर रहे थे। 2017 तक इसकी वापसी के इंतजार में क्षुद्रग्रहों के बारे में अध्ययनरत वैज्ञानिक 8 मीटर वाले बड़े एपर्चर दूरबीनों में से एक का उपयोग कर इस पर नजर रखी है क्योंकि यह धरती के करीब पहुंच रहा था। हालांकि वैज्ञानिक का मानना है कि वर्तमान में ज्ञात कोई भी क्षुद्रग्रह अगले 100 वर्षों तक धरती पर असर डालने की स्थिति में नहीं है।
टक्सन स्थित एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के चंद्र और ग्रहों की प्रयोगशाला विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर विष्णु रेड्डी, 2012 टीसी 4 अभियान की अगुवाई कर रहे हैं। यह अभियान एक टीम का प्रयास है, जिसमें दुनिया भर में एक दर्जन से अधिक वेधशालाओं, विश्वविद्यालयों और प्रयोगशालाएं शामिल हैं, ताकि हम सामूहिक रूप से हमारे निकट-वस्तु वस्तु अवलोकन क्षमता की शक्तियों और सीमाओं को सीख सकें। यह प्रयास प्रारंभिक और अनुवर्ती टिप्पणियों, सटीक कक्षा निर्धारण, और अंतरराष्ट्रीय संचार को शामिल करने के लिए पूरे सिस्टम का उपयोग करेगा।

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