पाकिस्तान: पीएम बनने के बाद पहली बार सेना मुख्यालय पहुंचे इमरान खान, सुरक्षा मुद्दों पर की बात महत्वपूर्ण है चरखे का उल्लेख गांधी जी ने पत्र में आगे लिखा है कि- उन्होंने लिखा, ‘हालांकि तुमने जो कहा वह सही है, ये सब कुछ करघों पर निर्भर करता है।’ जानकारों के अनुसार- इस पत्र में महात्मा गांधी की ओर से चरखे का उल्लेख करना अत्याधिक महत्त्वपूर्ण है। चूंकि उन्होंने इसे आर्थिक स्वतंत्रता के प्रतीक के तौर पर अपनाया था। गांधी जी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देशवासियों को सहयोग के लिए उन्हें हर दिन खादी कातने के लिए कहा था। साथ ही उन्होंने स्वदेशी आंदोलन के तहत सभी भारतीयों को अंग्रेजों की ओर से बनाए गए कपड़ों के बजाए खादी पहनने के लिए प्रोत्साहित किया था।’
फांसी के 87 साल बाद बेगुनाह साबित होंगे शहीद भगत सिंह! लाहौर हाई कोर्ट में 5 सितंबर को सुनवाई ऑन लाइन है जाएगी नीलामी नीलामी घर के बयान के अनुसार- इस पत्र की ऑनलाइन नीलामी 12 सितंबर तक होगी। गौर हो, देश की आजादी के अंदोलन के दौरान चरखा और खादी प्रतीक के रूप में उभरे थे। बता दें, महात्मा गांधी ने अपने जिस पत्र में ईसा मसीह की मौजूदगी की प्रकृति पर चर्चा की थी, उसे इसी साल मार्च में नीलामी के लिए रखा गया था। इस पत्र पर छह अप्रैल, 1926 की तिथि अंकित थी और गांधी जी ने इसे भारत में अपने साबरमती आश्रम से लिखा था।