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ICJ में भारत की जीत की संभावना से घबराए सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य, आखिर क्यों ?

locationनई दिल्लीPublished: Nov 20, 2017 06:36:23 pm

Submitted by:

Prashant Jha

सुरक्षा परिषद अपने सभी सदस्य देशों के बीच चुनाव कराने की तैयारी में है। पर्यवेक्षकों ने यह अनुमान लगाया है।

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वॉशिगटन : हेग में होने वाले अंतरराष्ट्रीय अदालत की आखिरी सीट के चुनाव में भारत और ब्रिटेन बीच कांटे का मुकाबला है। भारतीय उम्मीदवार जस्टिस दलवीर भंडारी की जीत की संभावना से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य घबराए हुए हैं। सुरक्षा परिषद अपने सभी सदस्य देशों के बीच चुनाव कराने की तैयारी में है। पर्यवेक्षकों ने यह अनुमान लगाया है। सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड और भारत के दलवीर भंडारी के बीच कांटे की टक्कर है। बताया जा रहा है कि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों को डर सता रहा है कि अगर दलवीर भंडारी की अंतरराष्ट्रीय अदालत में जीत होती है तो आने वाले समय में सुरक्षा परिषद के सदस्यों के लिए खतरा हो सकता है।
दलवीर भंडारी के पक्ष में दो तिहाई बहुमत

गौरतलब है कि 11 दौर के चुनाव में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 देशों से दलवीर भंडारी को दो तिहाई बहुमत मिले हैं। हालांकि सुरक्षा परिषद में भंडारी ग्रीनवुड के मुकाबले तीन वोट से पीछे हैं। परिषद में ग्रीनवुड को 9 और भंडारी को पांच मत मिले हैं। बता दें कि हर तीन साल में 15 सदस्यों वाली बेंच के एक तिहाई सदस्य नौ साल के लिए चुने जाते हैं। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के साथ सुरक्षा परिषद में भी मतदान होता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सता रहा डर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमरीका, रूस, फ्रांस और चीन ग्रीनवुड के पक्ष में खड़े दिखाई पड़ते हैं। सुरक्षा परिषद का पांचवां स्थायी सदस्य ब्रिटेन है। सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ अनौपचारिक परामर्श में संयुक्त सम्मेलन प्रणाली का इस्तेमाल कर सकता है। ताकि इससे वोटिंग प्रक्रिया को रोका जा सके। परिषद को भय सता रहा है कि अगर भारत की जीत होती है तो परिषद के लिए भारत के प्रत्याशी को आईसीजे में जीत होने से कोई नहीं रोक सकता। सूत्रों की माने तो पांच स्थायी सदस्यों को यह भय सता रहा है कि आज ब्रिटेन के सामने इंडिया है कल इसके सामने कोई और स्थायी देश हो सकता है । लिहाजा उस वक्त भारत को रोक पाना मुश्किल हो जाएगा।
भारत ने संयुक्त सम्मेलन प्रणाली का किया विरोध

इधर भारत ने संयुक्त सम्मेलन प्रणाली का विरोध किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि जो लोग संयुक्त राष्ट्र को आगे बढ़ाने और 21वीं सदी में लाने की बात करते हैं, वे 100 साल पीछे कैसे देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के इतिहास से ऐसे नियम को हटाना चाहिए, जो आजतक कभी इस्तेमाल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि दो तिहाई सदस्य भारत के समर्थन में हैं, इसलिए यह बहुमत को नजर अंदाज करने जैसा होगा।

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