अमरीका

Religious Freedom: ईरान, चीन और पाकिस्तान कर रहे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन, अमरीका ने जारी की सूची

अमेरिका ने चीन, ईरान और रूस को धार्मिक आजादी के गंभीर उल्लंघनों पर धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (International Religious Freedom Act) के तहत विशेष चिंता वाले देशों (Countries of Particular Concern- CPC) के रूप में नामित किया है। इसी श्रेणी में पाकिस्तान पहले से शामिल है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने एक बयान में कहा कि जिन्हें विशेष चिंता वाले देशों के रूप में नामित किया गया है वे धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में शामिल हैं या इस पर कार्रवाई नहीं करते हैं।

Dec 03, 2022 / 01:23 pm

Amit Purohit

Pakistan-China-Russia

विशेष चिंता वाली श्रेणी में चीन, ईरान और रूस सहित 12 देश हैं। इनमें उत्तर कोरिया, म्यांमार, क्यूबा, इरिट्रिया, निकारागुआ, पाकिस्तान, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान भी शामिल है। अल्जीरिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोमोरोस और वियतनाम को निगरानी सूची (Special Watch List Countries) में रखा गया है

भाड़े के सैनिकों वाला वैगनर ग्रुप भी
निजी आर्मी रखने वाले रूस के वैगनर ग्रुप को विशेष चिंता के संगठन (Entities of Particular Concern) सूची में शामिल किया गया है। वैगनर भाड़े के सैनिकों वाला एक निजी अर्धसैनिक संगठन है, जो सीरिया, अफ्रीका और यूक्रेन में सक्रिय है। हाल में इस समूह ने यूरोपियन यूनियन को कथित रूप से खून सना हथौड़ा भेजा था। अन्य नाम अल-शबाब, बोको हरम, हयात तहरीर अल-शाम, हौथिस, आईएसआईएस-ग्रेटर सहारा, आईएसआईएस-पश्चिम अफ्रीका, जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमिन और तालिबान के हैं।
भारत का नाम नहीं
देशों के नाम उजागर किए जाने से पहले अमेरिकी मुस्लिम परिषद (Indian American Muslim Council )जैसे समूहों द्वारा बड़े पैमाने पर लॉबिंग करते हुए भारत को चिंता का देश के रूप में नामित करने का दबाव था लेकिन यह प्रयास बेकार गए। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी आयोग ने 2019 में देश में धार्मिक स्वतंत्रता में ‘तीव्र गिरावट’ का हवाला देते हुए अपनी 2020 की रिपोर्ट में भारत को ‘विशेष चिंता का देश’ के रूप में चिह्नित किया था। जिसका भारत ने पुरजोर विरोध किया। इसके बाद अभी तक अमरीकी सरकार ने भारत को चिंता या विशेष चिंता वाले देशों की सूची में नहीं जोड़ा है।
अमेरिका रखेगा इन पर नजर
ब्लिकन ने कहा कि अमेरिका दुनिया भर के सभी देशों में धर्म की स्वतंत्रता की स्थिति की करीब से निगरानी करना जारी रखेगा और धार्मिक उत्पीड़न या भेदभाव का सामना करने वालों की वकालत करेगा। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में, सरकारें और गैर-सरकारी तत्व लोगों को उनके धार्मिक विश्वासों के आधार पर धमकी देते हैं, जेल में डालते हैं और यहां तक कि उन्हें मार भी देते हैं।
https://twitter.com/SecBlinken/status/1598738047478079489?ref_src=twsrc%5Etfw
ईरान पर बढ़ाया दबाव
एंटी—हिजाब प्रदर्शनकारियों पर क्रूर कार्रवाई को लेकर अमेरिका ने ईरान पर दबाव बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 16 सितंबर को 22 वर्षीय कुर्द महिला महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों में अब तक 300 से अधिक लोग मारे गए हैं और 14,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने ईरान से धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को रोकने का आग्रह किया है। बहाई समुदाय ईरान में सबसे गंभीर रूप से उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों में से एक है।
चीन में मानवाधिकारो का उल्लंघन
अमेरिका ने शिजियांग में मानवाधिकारों के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है, जहां उइगर रहते हैं। अधिकार समूह और पश्चिमी सरकारें चीन पर नजरबंदी शिविरों में जबरन श्रम सहित मुख्य रूप से मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ दुर्व्यवहार का आरोप लगाती आई है। चीन इन आरोपों से इनकार करता है।

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