अमरीका

उत्पाद पर चेतावनी नहीं लिखना अमरीकी कंपनी को पड़ा भारी, कैंसर पीड़ित को देना होगा दो हजार करोड़ हर्जाना

कृषि रसायन बनाने वाली एक नामी कंपनी को अपने एक ग्राहक को करीब दो हजार करोड़ रुपए हर्जाने के रूप में देनेे पड़ेंगे।

Aug 11, 2018 / 09:06 pm

mangal yadav

उत्पाद पर चेतावनी नहीं लिखना अमरीकी कंपनी को पड़ा भारी, कैंसर पीड़ित को देना होगा दो हजार करोड़ हर्जाना

वाशिंगटन। अमरीका में कृषि रसायन बनाने वाली एक नामी कंपनी कोर्ट में एक ग्राहक से कानूनी लड़ाई हार गई है। अब कंपनी को करीब दो हजार करोड़ रुपए हर्जाने के रूप में देना पड़ेगा। दरअसल एक किसान ने कृषि उत्पाद बनाने वाली एक नामी कंपनी के खिलाफ सैन फ्रांसिस्को की कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि कंपनी के हानिकारक उत्पाद की वजह से उसे कैंसर हो गया। पीड़ित ने कैंसर होने के लिए कंपनी को जिम्मेदार ठहराते हुए हर्जाने की मांग की थी। मामले की सुनवाई करते हुए सैन फ्रांसिस्को की अदालत ने कंपनी को दोषी पाया। कोर्ट ने यह माना कि कंपनी की लापरवाही की वजह से याचिकाकर्ता को कैंसर हुआ।

कोर्ट में पीड़ित ने दी ये दलील
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा था कि खरपतवार को नष्ट करने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल के कारण उसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हुई है। पीड़ित ने जो उत्पाद खरीदा था उसमें ग्लाइफोसेट का इस्तेमाल किया जाता है जोकि कैंसर का कारक होता है। पीड़ित का आरोप है कि कंपनी ने उत्पाद पर कैंसर होने संबंधी चेतावनी नहीं दी थी। अदालत ने माना कि कंपनी को कैंसर संबंधी चेतावनी जारी करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया जिसकी वजह से पीड़ित को कैंसर हुआ।

2016 में कंपनी पर किया था मुकदमा
46 साल के ड्वेन जॉनसन ने इस मामले की शिकायत साल 2016 में की थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के बीमार होने की वजह से इस मामले की सुनवाई तेजी से की। जॉनसन का कहना है कि वह इस कंपनी के उत्पाद को साल 2012 से इस्तेमाल कर रहे थे। उधर, कृषि रसायन बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि वह इस मामले को ऊपरी अदालत में चुनौती देगी। कंपनी का दावा है कि उसके उत्पाद में कैंसर कारक कोई रसायन नहीं मिलाया जाता। बता दें कि इस नामी कंपनी पर अलग-अलग लोगों ने करीब पांच हजार मुकदमे दायर किए हैं।

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