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राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे ट्रंप, जब बने तो व्हाइट हाउस में फैलाई अराजकता

locationनई दिल्लीPublished: Jan 04, 2018 06:52:01 pm

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

अमरीकी पत्रकार ने अपनी किताब में अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बारे में किए कई दावे, व्हाइट हाउस ने नकारे।

donald trump
नई दिल्ली। अमरीका के एक पत्रकार ने अपनी नई किताब में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में कई दावे किए हैं, जिन पर विवाद शुरू हो गया है। पत्रकार की ओर से किए गए दावों प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खारिज किया गया।
किया यह दावा

अमरीकी पत्रकार माइकल वॉल्फ ने अगले सप्ताह मार्केट में आने वाली अपनी किताब ‘फायर एंड फरी : इनसाइड द ट्रंप व्हाइट हाउस’ में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप अमरीका का राष्ट्रपति बनने के इच्छुक नहीं थे। यही कारण है कि जब उनकी जीत की खबर आई, तो प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप रोने लगी थीं। जाहिर है उनकी आंखों में खुशी के आंसू तो नहीं ही थे।
इसलिए लड़े राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव

वोल्फ ने किताब में दावा किया है कि ट्रंप का अंतिम लक्ष्य जीतना नहीं था। किताब के अनुसार- फॉक्स न्यूज के पूर्व प्रमुख रॉजर एलेस ने ट्रंप से कहा था कि अगर आप टेलिविजन में अपना कॅरियर चाहते हैं, तो आपको राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की दौड़ में शामिल होना चाहिए। इसी दौरान ट्रंप ने अपने सहयोगी सैम नूनबर्ग से कहा था कि मैं दुनिया का सबसे मशहूर व्यक्ति बन सकता हूं। यही नहीं जैसे ही ट्रंप की जीत की खबर पता चली, तो प्रथम महिला मेलानिया हैरान रह गई थीं। बता दें, न्यूयॉर्क मैगजीन में ‘डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे’ शीर्षक से किताब के अंश प्रकाशित हुए हैं। न्यूयॉर्क मैगजीन के अनुसार चुनाव के दिन से अक्तूबर तक वोल्फ ने 18 महीने तक राष्ट्रपति और उनके वरिष्ठ कर्मचारियों से बातचीत की।
व्हाइट हाउस में फैलाई अराजकता

वोल्फ ने किताब में यह दावा भी किया है व्हाइट हाउस में प्रवेश करने के बाद ट्रंप को कामकाज के बारे में बहुत कम पता था। वहां ट्रंप ने अपने व्यवहार ने इतनी अराजकता और अव्यवस्था फैलाई जितनी किसी और चीज ने नहीं। ट्रंप को सुझाव देना सबसे ज्यादा मुश्किल था। ट्रंप के राष्ट्रपति के कामकाज का मुख्य मुद्दा यह था कि वह अपनी विशेषज्ञता पर विश्वास करते थे। चाहे उनका विचार कितना भी अप्रासंगिक या तुच्छ क्यों ना हो।
व्हाइट हाउस ने दावों को नकारा

दूसरी ओर व्हाइट हाउस ने किताब के इन दावों को खारिज किया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा है कि पुस्तक झूठे और भ्रामक दावों से भरी हुई है। इसका व्हाइट हाउस से कोई लेना-देना नहीं। किताब फिक्शन के रूप में लिखी गई है। सैंडर्स का कहना है कि लेखक को इस पुस्तक के लिए व्हाइट से कोई प्रवेश नहीं मिला। असल में एक छोटी सी बातचीत हुई थी जिसका किताब से कोई लेना देना नहीं है।
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