लैटिन अमरीकी इतिहास का सबसे बड़ा पलायन वेनेजुएला से लगभग हर दिन 5000 लोग पलायन कर रहे हैं। लोगों का इतनी बड़ी संख्या में पलायन लैटिन अमरीकी इतिहास का सबसे बड़ा पलायन माना जा रहा है। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशन का कहना है कि वेनेजुएला में चल रहा मानवाधिकार संकट अब तक पूरी दुनिया में अपनी तरह का अनोखा मानवाधिकार संकट है। वेनेजुएला से बड़ी संख्या में लोग पड़ोसी देशों त्रिनिदाद और टोबैगो में पलायन कर रहे हैं। वेनेजुएला से बड़ी संख्या में लोग त्रिनिदाद और टैबेगो की सीमा में घुस रहे हैं। उधर त्रिनिनाद की सराकर का कहना है कि उसकी अर्थव्यवस्था पर अब भारी बोझ पड़ रहा है।
बेरोजगारी चरम पर वेनेजुएला में बेरोजगारी अपने चरम पर पहुँच चुकी है। विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों में से एक वेनेजुएला में पेट्रोल 50 पैसे प्रति लीटर है। अमरीकी प्रतिबंधों के बाद इस देश में तक की कीमतें न्यूनतम स्तर पर पहुँच चुकी हैं। एक ज़माने में कॉस्मेटिक पर विश्व में सबसे ज्यादा खर्च करने वाला देश अब बेरोजगारी की मार झेलने के लिए बाध्य है। यहाँ बड़े पैमाने पर नौकरियों में छटनी हुई हैं। पेशेवर लोग अब यहां के संस्थानों को छोड़कर दूसरे देश पलायन कर रहे हैं। यहाँ के लॉ सेक्टर की हालत यह है कि वकील अब मजदूर या फिर सेक्स वर्कर के तौर पर काम करने के लिए मजबूर हैं। ऊंची तनख्वाह पाने वाले निजी कंपनियों के अधिकारी अब अमीरों के घरों में हाउस सर्वेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
खाने का संकट, भुखमरी से मरते लोग वेनेजुएला में खाने का संकट इतना गहरा गया है कि लोग जानवरों को सरेआम मारकर मांस अपने घर ले जा रहे हैं। डिपार्टमेंटल स्टोर्स लूटे जा रहे हैं। लोग सड़कों पर कूड़े के ढेर से भोजन निकालकर खा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यहां नाई बाल काटने के एवज में अंडे और केले ले रहे हैं तो कैब के ड्राइवर पैसे की जगह सिगरेट मांग रहे हैं।