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न्यूयार्क। फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग ने गुरुवार को इस टिप्पणी की आलोचना की कि फ्री बेसिक्स उपनिवेशवाद के समान है और कहा कि इससे उन्हें गहरी पीड़ा हुई है। इस अभद्र ट्वीट के लिए उन्होंने फेसबुक के बोर्ड सदस्य मार्क एंड्रीसेन को लताड़ा। ट्वीट पर सोशल मीडिया में बवाल मचा हुआ है। जकरबर्ग ने अपने पोस्ट में लिखा, मैं भारत के बारे में बुधवार को मार्क एंड्रीसेन द्वारा की गई टिप्पणी का जवाब देना चाहता हूं। मुझे इस टिप्पणी से गहरी पीड़ा हुई है और यह फेसबुक और मेरी सोच से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती है।
उन्होंने कहा, भारत मेरे और फेसबुक के लिए काफी महत्वपूर्ण है। अपने मिशन के बारे में शुरुआती विचार के समय मैंने भारत की यात्रा की थी और मैं वहां के लोगों की मानवीयता, भावना और मूल्यों से प्रभावित हुआ था। इसने मेरे इस विचार को और दृढ़ किया कि जब सभी लोगों को अपने अनुभव साझा करने की शक्ति मिलेगी, तो पूरी दुनिया का विकास होगा।
जकरबगई की इस लताड़ के बाद मार्क एंड्रीसेन ने अपने बयान के लिए माफी मांगी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, मेरे बयान से लोगों को जो ठेस पहुंची उसके लिए मैं शर्मिंदा हूं। मैं भारत और उसके नागरिकों का बहुत सम्मान करता हूं। मैंने बुधवार रात को बिना सोचे समझे भारत के इतिहास, राजनीति और अर्थव्यवस्था के बारे में टिप्पणी की।
उल्लेखनीय है कि एंड्रीसेन ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा फ्री बेसिक्स की शुल्क रहित सेवा पर रोक लगाए जाने के बाद प्रतिक्रिया में अपने ट्वीट में लिखा था, उपनिवेशवाद विरोध दशकों से भारतीय लोगों के लिए आर्थिक रूप से विनाशकारी रही है। अब इसे क्यों रोका जाए? ट्वीट को बाद में डिलीट कर दिया गया था। ट्राई ने सोमवार को अपने आदेश में कहा था, कोई भी कंपनी विषय सामग्री के आधार पर डाटा सेवा लिए भेदभावपूर्ण शुल्क नहीं पेश कर सकती है।