एज-प्रोग्रेसन टेक्नोलॉजी से बनाई गई हैं तस्वीर
खबरों के अनुसार जारी की गई तस्वीरों को साल 2000 में एफबीआई ने अपने प्रयोगशाला में एज-प्रोग्रेसन टेक्नोलॉजी और मूल तस्वीरों का उपयोग करके बनाया था।
US के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट रिवार्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम ने इन हाईजैकरों के अरेस्ट या इनके बारे में किसी भी तरह की जानकारी के लिए 5 मिलियन डॉलर तक का इनाम घोषित किया है। बता दें कि ये सभी हाईजैकर अबू नीडल आर्गेनाइजेशन (ऐेेएनओ) से संबंधित बताये जा रहे हैं। और अभी ये सभी एफबीआई के ‘मोस्ट वांटेड टेररिस्ट’ की लिस्ट में शामिल हैं।
क्या हुआ था घटना वाले दिन?
साल 1986 के 5 सितम्बर के दिन हुई इस घटना ने अमरीका, पाकिस्तान और भारत जैसे देशों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए थे। यह घटना तब हुई जब मुंबई से अमरीका जा रही इस विमान को कराची में हाईजैक कर लिया गया। घटना के दो दिन बाद ही नीरजा का जन्मदिन था।
गौरतलब है कि कराची पहुंचने पर इस विमान में सिक्योरिटी ड्रेस पहन कर ये आतंकी अंदर घुस आये। विमान के अंदर आते ही इन आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी और फ्लाइट को अपने कब्जे में ले लिया था। उनका उद्देश्य इस फ्लाइट को इजराइल ले जाकर क्रैश करना था।
लेकिन नीरजा ने अपने सूझ-बुझ और हिम्मत दिखाते हुए, इमरजेंसी दरवाजे से लगभग सभी यात्रियों को बाहर निकल दिया। लेकिन आखिर में तीन बच्चों को बाहर निकलते हुए आतंकियों ने उनपर गोलियां चलायी जिसमें उनकी मौत हो गई।
नीरज को उनकी बहादुरी के लिए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। यहां तक की पाकिस्तान ने भी देश के बहादुर बेटी को ‘तमगा-ए-इंसानियत’ के उपाधि से नवाजा था।