बताया जा रहा है कि गीता गोपीनाथ पहले आईएमएफ छोड़ने का मन बना चुकीं थीं। वे अगले वर्ष से दोबारा हावर्ड यूनिवर्सिटी जाकर अपने शैक्षणिक कार्य को आगे बढ़ाने का विचार कर रही थीं। हालांकि इस बीच IMF ने Gita Gopinath को अहम जिम्मेदारी सौंप दी। अब गीता इस संस्था में अपनी सेवाएं जारी रखेंगी।
गीता गोपीनाथ 21 जनवरी 2022 को अपना कार्यभार संभालेंगी। बता दें कि इससे पहले आईएमएफ के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर का पद ज्यॉफ्री ओकामोतो संभाल रहे थे। ओकामोतो जनवरी 2022 में ही अपना पद छोड़ देंगे। इसके बाद गीता इस उच्च पद पर आसीन होंगी।
गीता गोपीनाथ बीते तीन वर्षों से International Monetary Fund संस्था से जुड़ी हुई हैं। वो यहां बतौर चीफ इकोनॉमिस्ट के तौर पर कार्य कर रही थीं। संस्था के मुताबिक गीता का अब तक का कार्यकाल काफी शानदार रहा है। यही वजह है कि IMF ने उनके काम और काबलियत को देखते हुए उन्हें नंबर दो की पोजिशन पर काबिज किया है।
IMF में मिली इस उपलब्धि को लेकर गीता गोपीनाथ ने कहा है कि वे अगली FDMD ( First Deputy Managing Director )बनने से काफी खुश हैं। गीता ने कहा- पिछले 3 साल में मुझे आईएमएफ के कामकाज को करीब से देखने का अनुभव मिला है। यह देखना सुखद है कि हमारे काम का दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं और लोगों पर सकारात्मक असर देखने को मिला है।
गीता गोपीनाथ का भारत के खास नाता रहा है। क्योंकि गीता जन्म भारत के दक्षिण राज्य के मैसूर शहर में हुआ है। गीता के पिता टी.वी. गोपीनाथ केरल के कन्नूर जिले के किसान और उद्यमी हैं। उच्च शिक्षा के लिए गीता ने राजधानी दिल्ली का रुख किया। यहां के श्रीराम कॉलेज से वर्ष 1992 में गीता ने अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन पूरा किया।
इसके बाद गीता ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से इकोनॉमिक्स में मास्टर की पढ़ाई की। इसे पूरा करने के बाद गीता ने अमरीका का रुख किया। यहां वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय में पीएचडी की। मौजूदा समय में गीता गोपीनाथ अमरीका की निवासी हैं।