वाशिंगटन। आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत की खोज के ठीक 100 वर्ष बाद वैज्ञानिकों ने बेहद अहम खोज की है। वैज्ञानिकों ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज की है। यह तरंगें प्रकाशीय तरंगों से पूरी तरह अंतर है। इन तरंगों का सबसे पहले पता 12 सितम्बर 2015 को पता चला। इस खोज को लीगो नाम के प्रयोग के द्वारा पता लगाया गया है। न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के खोज के बाद इस दिशा में बेहद अहम शोध है।
सत्यापित नहीं हो पा रहा था गुरुत्व तंरगों का अस्तित्व
संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वैज्ञानिकों ने कहा कि आइंस्टीन के ज्यादतर सिद्धांत प्रयोगों के द्वारा सत्यापित हो चुके हैं। सिर्फ एक सिद्धांत का प्रयोगों द्वारा सत्यापन नहीं हो पाया, वो है गुरुत्व तरंगों का अस्तित्व। वैज्ञानिकों ने इन गुरुत्व तरंगों को साबित कर दिया। न्यूटन के सिद्धांतों से इतर आइंस्टीन का दिया गया यह बेहद अहम सिद्धांत आज प्रयोग के द्वारा सत्यापित हो गया। खोज से न सिर्फ आइंस्टीन की थ्योरी सही साबित हुई है, बल्कि इससे पहली बार 2 टकराने वाले ब्लैक होल की भी पुष्टि हुई है। खोज के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन के वैज्ञानिक ने इसे सदी की सबसे बड़ी वैज्ञानिक खोज करार दिया है।
1992 में शुरू किया गया था लीगो
लेजर इंटरफर्मेटर ग्रेविटेशनल- वेब ऑब्जरवेटरी (लीगो) एक भौतिकी शास्त्र का प्रयोग है जो ग्रेविटेशन वेब का पता लगाने के लिए किया गया है। 1992 में शुरू किए गए इस अनुसंधान की सफलता अब मिल रही है। दुनिया भर से इससे 900 वैज्ञानिक जुटे हुए है।