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‘डबल मास्किंग’ है जरूरी
कोरोना की संक्रामकता को देख अब अमरीका के स्वास्थ्य विशेषज्ञ एक साथ दो फेस मास्क उपयोग करने की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ‘डबल मास्किंग’ की मदद से इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है।संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. एंथोनी फौसी के अनुसार, कोरोना वायरस सामन्यता: नाक और मुंह के रास्ते ही शरीर में प्रवेश करता है। ऐसे में अगर एक साथ दो मास्क का उपयोग करते हैं और सही से नाक-मुंह के ढ़कते हैं तो इस वायरस के संक्रमण से बचा सकता है।
कम हो जाएगी संक्रमण की रफ्तार
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में फौसी ने बताया कोरोना से बचने के लिए लोग पहले से ही मॉस्क पहन रहे हैं लेकिन इससे संक्रमण नहीं रूक रहा सकता। ऐसे में अगर लोग डबल मास्किंग करते हैं तो कुछ ही दिनों में संक्रमण की रफ्तार में बदलाव जरूर देखने को मिलेगा।
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फाउसी के अलावा कई दूसरे हेल्थ केयर विशेषज्ञ भी डबल मास्किंग को कारगर मान रहे हैं। जानकारों का कहना है कि चेहरे पर एक मास्क की बजाय दो मास्क लगाएं। ऐसे में वायरस को दोनों परतों को भेद शरीर में पहुंचना बेहद मुश्किल होगा। या वायरस शरीर तक पहुंच ही नहीं पाएगा। ऐसे में अमरीका के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) को आधिकारिक तौर पर दोहरे मास्किंग को देश में लागू कर देना चाहिए।
एक साथ पहनें दो मास्क
इसके अलावा जर्नल मेड में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी उच्च-गुणवत्ता वाले सर्जिकल मास्क या उच्च थ्रेड वाले मास्क को डबल करके पहनने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कपड़े से बने मास्क के नीचे सर्जिकल मास्क पहनने से वायरस से बेहतर सुरक्षा मिलती है क्योंकि सर्जिकल मास्क एक फिल्टर के रूप में काम करता है और कपड़े का मास्क निस्पंदन की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है।
वहीं वायरस ट्रांसमिशन विशेषज्ञ, लिंडसे मार का कहना है कि दो मास्कों को जोड़ने से एक और वायरस से सुरक्षा मिल जाती है क्योंकि वायरस एक मास्क से गुजर जाता है लेकिन दूसरे मास्क में फंसा रह जाता है। वो शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाता। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन जगहों पर सामाजिक दूरियां बनाए रखना मुश्किल होता है, वहां दो मास्क अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है।