चीनी-जापानी ऑटो बाजारों पर असर?
मैरीलैंड बंदरगाह प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, यह ऑटोमोबाइल, निर्माण उपकरण और कोयले के परिवहन के लिए भी एक आवश्यक मार्ग है। मूडीज एनालिटिक्स के अनुसार ऑटो बाजारों पर इसका प्रभाव पड़ेगा, विशेष रूप से एशिया-प्रशांत के सबसे बड़े कार निर्यातक चीन और जापान पर जो कि आयात के लिए बाल्टीमोर (Baltimore Bridge) पर बहुत अधिक निर्भर हैं। यह कार शिपमेंट के लिए सबसे व्यस्त बंदरगाह है, जिसने 2023 में 7,50,000 वाहनों को संभाला था।
भारत के लिए कोयला निर्यात का मुद्दा?
अमरीका का एक चौथाई से अधिक समुद्री कोयला निर्यात बाल्टीमोर बंदरगाह से होकर गुजरता है। 2023 में, बाल्टीमोर कोयला निर्यात के लिए दूसरा सबसे व्यस्त अमरीकी बंदरगाह था, जिसमें भारत एकल सबसे बड़ा आयातक था। भारत में कोयले की सालाना खपत 1000 मिलियन टन है जिसमें से 240 मिलियन टन का आयात होता है। ऐसे में इस हादसे से भारत को करोड़ों का नुकसान हो सकता है। कोयला ट्रेडिंग फर्म एक्सकोल एनर्जी एंड रिसोर्सेज के सीईओ एर्नी थ्रैशर के अनुसार, बाल्टीमोर कोयले का अधिकांश हिस्सा बिजली उत्पादन में उपयोग के लिए भारत को निर्यात किया जाता है।