scriptबुजुर्गो को निशाना बनाकर टेलीमार्केटिंग घोटाला करता था यह भारतीय अमरीकी | Indian American guilty of telemarketing scam targeting the elderly | Patrika News

बुजुर्गो को निशाना बनाकर टेलीमार्केटिंग घोटाला करता था यह भारतीय अमरीकी

locationनई दिल्लीPublished: Jan 12, 2021 11:07:31 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने अमरीका की संघीय अदालत के सामने स्वीकार किया है कि वह बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले टेलीमार्केटिंग घोटाले में शामिल है।

Indian American guilty of telemarketing scam targeting the elderly

Indian American guilty of telemarketing scam targeting the elderly

न्यूयॉर्क। एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने अमरीका की संघीय अदालत के सामने स्वीकार किया है कि वह बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले टेलीमार्केटिंग घोटाले में शामिल है। उत्तरी इलिनॉय के शिकागो में रहने वाले फेडरल प्रॉसिक्यूटर जॉन आर. लॉश ने यह जानकारी दी। न्याय विभाग ने सोमवार को कहा कि हिरेनकुमार चौधरी ने स्वीकार किया कि उसने कई बैंक खातों को खोलने और टेलीनार्केटिंग घोटाले के पीडि़तों से धन लेने के लिए एक जाली भारतीय पासपोर्ट, गलत नाम और फर्जी पते का इस्तेमाल किया।

अन्य लोग भी घोटालों में शामिल
यह भारत में कॉल सेंटरों के जरिए किए गए घोटालों में नवीनतम मामला है, जो बुजुर्गो और अन्य लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा था। भारतीय मूल के लोगों के साथ-साथ अन्य लोग भी उन घोटालों में शामिल हैं जो संचालित होते रहते हैं और भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं और देश के कई अरबो डॉलर वाले बैंक ऑफिस उद्योग को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

कोर्ट पहुंचा मामला
विभाग ने कहा कि धोखाधड़ी का शिकार बनी एक बुजुर्ग महिला ने अपने बैंक खाते से 900,000 डॉलर से अधिक की रकम चौधरी या धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों के खातों में ट्रांसफर किया था। विभाग ने कहा कि चौधरी ने संघीय न्यायाधीश सारा एल. एलिस के सामने 6 जनवरी को यह स्वीकार किया। जिन लोगों पर अपराध का आरोप लगाया गया है, उन्हें अमेरिकी न्याय प्रणाली के तहत दोषी ठहराने की अपील करने या औपचारिक रूप से दोष स्वीकार करने की अनुमति है और बदले में अभियोजन पक्ष आमतौर पर उदारता और नरमी दिखाते हैं। यह बहुत संभावना नहीं है कि चौधरी को अधिकतम सजा मिलेगी।

धनराशि ट्रांसफर करनी होगी
न्याय विभाग के अनुसार, घोटाले में भाग लेने वालों ने पीडि़तों को विभाग या अन्य सरकारी एजेंसियों से होने का दावा किया और उन्हें बताया कि उनकी आइडेंटिटी चुरा ली गई थी और इससे निपटने के लिए उन्हें विभिन्न बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर करनी होगी, जिनमें चौधरी द्वारा नियंत्रित अकाउंट भी शामिल थे।

चार कंपनियां की थी बंद
भारत की केंद्रीय जांच ब्यूरो और अमेरिकी अधिकारियों के संयुक्त अभियान के बाद, भारत से जुड़े धोखाधड़ी पर हाल ही में, एक संघीय अदालत ने पिछले महीने चार कंपनियों को स्थायी रूप से बंद कर दिया था जो कंप्यूटर घोटाले के तहत वरिष्ठ बुजुर्गो को निशाना बना रहे थे। एक भारतीय-अमेरिकी सहायक संघीय अभियोजक कार्तिक रमन, चौधरी पर मुकदमा चलाने वाले सरकारी वकीलों में से एक हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो