अमरीका

भारतीय मूल की वैज्ञानिक को कैंसर पर रिसर्च के लिए मिले 52 करोड़ रुपए

इस राशि से निशा डिसिल्वा को सिर और गर्दन के कैंसर पर रिसर्च करने में काफी मदद होगी, जिससे रोगियों के जीवित बचने की दर में सुधार होगा।

Oct 05, 2017 / 03:26 pm

Kapil Tiwari

वॉशिंगटन: अमरीका में विज्ञान के क्षेत्र में भारत को एक बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, भारतीय मूल की एक वैज्ञानिक को अमरीका में रिसर्च के लिए 81 लाख डॉलर यानि कि करीब सवा पांच लाख करोड़ रुपए की राशि अनुदान में दी गई है। ये भारत के लिए चिकित्सा और विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी है। भारतीय मूल की वैज्ञानिक निशा डिसिल्वा को सिर और गर्दन के कैंसर पर रिसर्च करने के लिए सवा पांच लाख करोड़ रुपए की राशि अनुदान में दी गई है।
कैंसर पर रिसर्च करेंगी निशा
आपको बता दें कि इस राशि से निशा डिसिल्वा को सिर और गर्दन के कैंसर पर रिसर्च करने में काफी मदद होगी, जिससे रोगियों के जीवित बचने की दर में एक बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। आपको बता दें कि निशा डिसिल्वा को सिर और गर्दन के कैंसर को फैलने से रोकने और भविष्य में दोबारा न होने वाली आण्विक विधियों पर जारी उनके रिसर्च के लिए ‘सस्टेंनिग आउटस्टैंडिग अचीवमेंट इन रिसर्च’ (एसओएआर) अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
8 साल में वितरित की जाएगी राशि
निशा को दी जाने वाली अनुदान राशि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल एंड क्रेनियोफेशियल रिसर्च से 8 साल में वितरित की जाएगी। वह अमेरिका स्थित यूनिर्विसटी ऑफ मिशिगन में चिकित्सकीय वैज्ञानिक हैं। उनका लक्ष्य कैंसर रोगियों के बचने की दर में सुधार करना है। यूनिर्विसटी ऑफ मिशिगन में स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री की डीन लौरी मैक्काउली ने कहा कि प्रतिष्ठित एसओएआर अनुदान यह बताता है कि एनआईडीसीआर डॉ. डिसिल्वा के अनुसंधान रिकॉर्ड और आगे बढ़ने की उनकी क्षमता को किस तरह देखता है।
गंभीर परिणाम हैं सिर और गर्दन के कैंसर के
अपनी इस कामयाबी को लेकर डिसिल्वा ने कहा कि सिर और गर्दन का कैंसर पूरी दुनिया में छठा सर्वाधिक आम कैंसर है और इसके हर साल लगभग छह लाख नए मामले आते हैं। उन्होंने कहा कि रोग निदान के पांच साल के भीतर लगभग आधे रोगियों की मौत हो जाती है।

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