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सिंधु जल समझौते पर भारत-पाक के बीच हुई वार्ता, आपसी सहयोग पर बनी सहमति

Published: Aug 02, 2017 10:52:00 am

भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी जल संधि पर सद्भावना और सहयोग के साथ वार्ता हुई। दोनों पक्ष इस मामले में वार्ता जारी रखने के लिए सितंबर में एक बार बातचीत करने पर सहमत हो गए।

Indo Pak Flag

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वाशिंगटन। भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी जल संधि पर सद्भावना और सहयोग के साथ वार्ता हुई। दोनों पक्ष इस मामले में वार्ता जारी रखने के लिए सितंबर में एक बार बातचीत करने पर सहमत हो गए। विश्व बैंक ने सिंधु नदी जल संधि (आईडब्ल्यूटी) पर चर्चा के लिए हुई बैठक के बाद कहा, दोनों पक्षों ने वाशिंगटन, डीसी में सितंबर में फिर से बैठक करने और वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई है। 

‘सद्भावना एवं सहयोग’ के माहौल में हुई वार्ता
विश्व बैंक ने कहा कि आईडब्ल्यूटी संबंधी तकनीकी मामलों पर भारत एवं पाकिस्तान के बीच इस सप्ताह हुई सचिव स्तर की वार्ता ‘सद्भावना एवं सहयोग’ के माहौल में हुई। विश्व बैंक ने वार्ता के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। इससे पहले विश्व बैंक ने 25 जुलाई को पत्र लिखकर अमरीका में भारत के राजदूत नवतेज सरना को आश्वासन दिया था कि वह इस मामले में अपनी तटस्थता और निष्पक्षता को बरकरार रखेगा, ताकि सुलह का रास्ता खोजा जा सके। इससे पहले दोनों देशों ने पाकिस्तान में स्थाई सिंधु आयोग (पीआईसी) की बैठक के दौरान इस वर्ष मार्च में दो परियोजनाओं पर वार्ता की थी।
 
पाकिस्तान ने पिछले साल किया था विश्व बैंक का रुख
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में स्थित दो पनबिजली परियोजनाओं के डिजाइन को लेकर चिंता जताते हुए पिछले साल विश्व बैंक का रुख किया था। पाक की ओर से यह मांग की गई थी कि 57 वर्ष पुराने जल वितरण समझौते के तहत दोनों देशों के बीच मध्यस्थ विश्व बैंक इन चिंताओं के समाधान के लिए एक मध्यस्थता अदालत का गठन करे। दूसरी ओर, भारत ने कहा था कि पाकिस्तान ने जो चिंताएं व्यक्त की हैं, वे ‘तकनीकी’ हैं और इस मामले की जांच के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त किया जाना चाहिए। इसके बाद विश्व बैंक ने नवंबर 2016 में परियोजनाओं के संबंध में दोनों देशों के बीच तकनीकी मतभेदों के समाधान के लिए तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त करने और मध्यस्थता अदालत के गठन की दो प्रक्रियाएं साथ में शुरू की थीं।

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