script…तो क्या अमरीका को धोखा दे रहा है उत्तर कोरिया, टूट सकती है दोस्ती | Is North Korea cheating on America? | Patrika News

…तो क्या अमरीका को धोखा दे रहा है उत्तर कोरिया, टूट सकती है दोस्ती

locationनई दिल्लीPublished: Jul 31, 2018 09:13:54 pm

Submitted by:

mangal yadav

अमरीका की दोस्ती उत्तर कोरिया के साथ ज्यादा दिन तक चलने वाली दिखती नजर नहीं आ रही है।

kim jong

…तो क्या अमरीका को धोखा दे रहा है उत्तर कोरिया, टूट सकती है दोस्ती

वाशिंगटन। अमरीका को अब लगने लगा है कि उत्तर कोरिया उसे धोखा रहा है। किम जोंग की फितरत को भांप कर अमरीका ने अब आगे की रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है। जासूसी एजेंसियों के सेटेलाइट तस्वीरों से ट्रंप प्रशासन को अंदेशा है कि अमरीका से उसकी दोस्ती ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। ट्रंप प्रशासन की तरफ से मिले संकेतों पर गौर करें तो अमरीका किम जोंग के वादों पर विश्वास करना छोड़ दिया है। इस चीज की उम्मीद बढ़ गई है कि आने वाले समय में अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच एक बार फिर टकराव देखने को मिल सकता है।

सेटेलाइट तस्वीरों से खुली किम की पोल
इससे पहले मंगलवार सुबह से मीडिया में यह खबर चल रही थी कि सेटेलाइट से जो तस्वीरें मिली हैं उसके अनुसार अपने मिसाइल कार्यक्रम को बंद नहीं किया है। अमरीकी मीडिया ने जासूसी एजेंसियों के हवाले से यह दावा किया है कि उत्तर कोरिया एक फैक्ट्री में नई मिसाइलें तैयार कर रहा है, जिसमें प्योंगयांग की अमरीका तक पहुंच वाली पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) तैयार की गई थी। जानकार अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि नए प्राप्त किए गए सबूतों में 20 जुलाई और 22 जुलाई के बीच ली गई उपग्रह तस्वीरें दर्शाती हैं कि प्योंगयांग के बाहरी इलाके सानुमडोंग में एक शोध केंद्र में कम से कम एक या संभवत: दो तरल-ईंधन वाले आईसीबीएम पर काम चल रहा है।

जून में किम ने की थी ट्रंप से मुलाकात
दरअसल सिंगापुर में डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग ने जून महीने में ऐतिहासिक शिखर वार्ता की थी। इस बैठक में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर सहमति जताई थी और कहा था कि अब उनका देश मिसाइल कार्यक्रम को बंद कर देगा। बता दें कि हाल ही में जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता में कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में ले जाने पर सहमति बनी थी। लेकिन इंटेलिजेंस एजेंसी से मिली तस्वीरें बताती हैं कि अब भी उत्तर कोरिया अपने मिसाइल कार्यक्रम को बंद नहीं किया है।

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