भ्रष्टाचार और अपराध के नियंत्रण के वादे के बाद मिली जीत
दावा किया जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान बोल्सोनारो ने व्याप्त भ्रष्टाचार और अपराध के नियंत्रण के वादे किए थे, यही वजह की उन्हें ये जीत मिली है। बताया जा रहा है कि हालांकि बोल्सोनारो ने काफी ज्यादा अंतर से चुनाव जीता है, लेकिन उन्होंने खुद को एक विभाजनकारी के रूप में साबित किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी नस्लवादी, समलैंगिक विरोधी और महिला विरोधी टिप्पणियों से कई सारे लोग नाराज हैं।
ब्राजील की सेना में बतौर अर्धसैनिक शुरू की थी सेवा
यही नहीं बोल्सोनारो ने अपने प्रचार अभियान के दौरान खुद को राजनीति से बाहर के व्यक्ति के तौर पर पेश किया था, लेकिन राष्ट्रपति निर्वाचित होने से पहले वह ब्राजील की संसद के निचले सदन, चैम्बर ऑफ डिप्टीज में सात कार्यकाल तक सेवाएं दे चुके हैं। यही नहीं वह कई राजनीतिक दलों से जुड़े रहे हैं। फिलहाल वह सोशल लिबरल पार्टी से जुड़े हुए हैं। आपको बता दें कि राजनीति में आने से पहले बोल्सोनारो ब्राजील की सेना में थे। उन्होंने बतौर अर्धसैनिक अपनी सेवा शुरू की थी, और वह पदोन्नति कर कैप्टन के रैंक तक पहुंचे थे।