scriptरोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार के मामले में म्यांमार सरकार दोषी, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में घसीटने की तैयारी | Myanmar government guilty on torture of Rohingya Muslims | Patrika News

रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार के मामले में म्यांमार सरकार दोषी, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में घसीटने की तैयारी

locationनई दिल्लीPublished: Aug 27, 2018 05:56:49 pm

Submitted by:

mangal yadav

रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचार के मामले में कई बड़े सैन्य अधिकारियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में मुकदमा चल सकता है।

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रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार के मामले में म्यांमार सरकार दोषी, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में घसीटने की तैयारी

जेनेवा। म्यांमार में कमांडर इन चीफ सहित शीर्ष सैन्य अधिकारियों से रखाइन राज्य में नरसंहार और अन्य इलाकों में मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए पूछताछ हो और उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सोमवार को जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रपट में यह बात कही गई है। यह रपट संयुक्त राष्ट्र के तथ्यान्वेषी मिशन द्वारा सैकड़ों लोगों के साक्षात्कारों, शोधों और विश्लेषणों पर आधारित है। इस रपट में म्यांमार सेना के कृत्यों की संयुक्त राष्ट्र द्वारा कड़े शब्दों में निंदा की गई है। आरोप है म्यांमार सेना ने पिछले साल अगस्त में रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार किए थे।

संयुक्त राष्ट्र की जांच में म्यांमार सरकार दोषी
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में रखाइन राज्य में मानवीय संकट के लिए नोबल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के नेतृत्व वाली म्यांमार सरकार को दोषी ठहराया गया है। इसमें कहा गया है सरकार घटनाओं को रोकने में विफल रही, उसने रखाइन राज्य में सबूतों को नष्ट कर झूठी खबरें फैलाई और स्वतंत्र जांच को प्रतिबंधित किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, “अधिकारियों ने अपने कृत्यों और चूक के माध्यम से अत्याचार अपराधों के होने में योगदान दिया। संयुक्त राष्ट्र की रपट में मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय भेजने का आह्वान किया गया है।” खबर में कहा गया है, “सेना की रणनीतियां वास्तविक सुरक्षा खतरों के लिए निरंतर और व्यापक रूप से असमान थीं।”

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मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप
संयुक्त राष्ट्र की रपट में पाया गया कि कचिन, रखाइन औस शान राज्यों में मानवाधिकार उल्लंघन और अत्याचार का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत निस्संदेह सबसे जघन्य अपराधों के समान है। म्यांमार सरकार लगातार कह रही है कि उसके अभियान में आतंकियों और विद्रोहियों को निशाना बनाया लेकिन वास्तव में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया।

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