संयुक्त राष्ट्र की जांच में म्यांमार सरकार दोषी
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में रखाइन राज्य में मानवीय संकट के लिए नोबल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के नेतृत्व वाली म्यांमार सरकार को दोषी ठहराया गया है। इसमें कहा गया है सरकार घटनाओं को रोकने में विफल रही, उसने रखाइन राज्य में सबूतों को नष्ट कर झूठी खबरें फैलाई और स्वतंत्र जांच को प्रतिबंधित किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, “अधिकारियों ने अपने कृत्यों और चूक के माध्यम से अत्याचार अपराधों के होने में योगदान दिया। संयुक्त राष्ट्र की रपट में मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय भेजने का आह्वान किया गया है।” खबर में कहा गया है, “सेना की रणनीतियां वास्तविक सुरक्षा खतरों के लिए निरंतर और व्यापक रूप से असमान थीं।”
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मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप
संयुक्त राष्ट्र की रपट में पाया गया कि कचिन, रखाइन औस शान राज्यों में मानवाधिकार उल्लंघन और अत्याचार का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत निस्संदेह सबसे जघन्य अपराधों के समान है। म्यांमार सरकार लगातार कह रही है कि उसके अभियान में आतंकियों और विद्रोहियों को निशाना बनाया लेकिन वास्तव में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया।