इसके लेखक मनोज लाडवा ने मोदी के एकजुटता के सूत्रधार के रूप में उभरने का श्रेय उनके पिछड़ी जाति में पैदा होने को दिया है। लेख में लाडवा ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी का जन्म भारत के सबसे वंचित सामाजिक समूहों में से एक में हुआ था। उन्होंने अपने लेख में इस चुनाव की सबसे बड़ी उपलब्धि बताई है कि नरेंद्र मोदी ने देश में काफी समय से चल रहे जातिवाद को खत्म कर एकजुटता का संदेश दिया। नरेंद्र मोदी ने पिछड़ी जाति के लोगों को अपने हक में लाने में कामयाबी पाई है, लेकिन वेस्टर्न मीडिया अभी भी नरेंद्र मोदी को अगड़ी जाति के नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहा था। लेख में नरेंद्र मोदी के कसीदे पढ़ते हुए लिखा गया है कि किस तरह से उन्होंने एक गरीब परिवार से होते हुए भी देश के सबसे बड़े पद पर जगह बनाई। इसके साथ गांधी परिवार से राजनीतिक लड़ाई लड़ी। लेखक ने लिखा कि पिछले पांच साल में कई आलोचनाओं के बाद भी जिस तरह नरेंद्र मोदी ने देश को एक सूत्र में पिरोया है, वैसा पिछले पांच दशक में कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया।