पाकिस्तान ने अगर आतंकियों को मदद देना बंद नहीं किया, तो न केवल उसे अमरीका द्वारा दी जाने वाली वित्तीय मदद से हाथ गंवाना पड़ेगा, बल्कि उसे अमरीका की सख्त कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।
वॉशिंगटन। पाकिस्तान ने अगर आतंकियों को मदद देना बंद नहीं किया, तो न केवल उसे अमरीका द्वारा दी जाने वाली वित्तीय मदद से हाथ गंवाना पड़ेगा, बल्कि उसे अमरीका की सख्त कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। इस मोर्चे पर बुरी तरह घिरे पाक को रक्षा क्षेत्र में मदद के लिए दी जाने वाली अमरीकी फंडिंग की शर्तों को और सख्त बनाने के लिए अमरीका की प्रतिनिधि सभा ने 3 विधायी संशोधनों पर वोट किया है। इसमें शर्त रखी गई है कि वित्तीय मदद दिए जाने से पहले पाक को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संतोषजनक प्रगति दिखानी होगी। ये सभी शर्तें पाक द्वारा आतंकियों को दी जा रही मदद से संबंधित हैं। इसे लेकर पहले भी कई शीर्ष अमरीकी अधिकारी और सांसद चिंता जताते रहे हैं। शुक्रवार को कांग्रेस की निचली सदन ने 651 अरब डॉलर वाले नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) 2018 के इन तीनों विधायी संशोधनों को ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन ने 81 के मुकाबले 344 मतों से इसे पारित किया है।
यूएस रक्षा मंत्री को देना होगा सबूत
नए विधेयक के प्र्रावधानों के तहत वित्तीय मदद की मंजूरी से पहले अब अमरीकी रक्षा मंत्री को यह सबूत देना होगा कि पाक आतंक के खिलाफ कार्रवाई के रूप में किसी भी व्यक्ति को सैन्य या वित्तीय सहायता प्रदान नहीं कर रहा है। पाक को फंड देने से पहले यह प्रमाणित करना होगा कि इस्लामाबाद ग्राउंड्स लाइंस ऑफ कम्यूनिकेशन (जीएलओसी) पर सुरक्षा बनाए रख रहा है। जीएलओसी सैन्य यूनिट्स को आपूर्ति मार्ग से जोडऩे वाला और सैन्य साजो-सामान को लाने-ले जाने का अहम रास्ता है। रक्षा मंत्री यह भी प्रमाणित करना होगा कि पाक उत्तरी वजीरिस्तान को अपनी पनाहगाह बनाने वाले हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है।
अफगानिस्तान सरकार से सहयोग भी एक शर्त
इसके आलावा पाक को यह भी साबित करना होगा कि वह अफगानिस्तान से लगी अपनी सीमा पर हक्कानी नेटवर्क समेत बाकी सभी आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में अफगानिस्तान सरकार के साथ सक्रिय सहयोग कर रहा है।
लादेन का पता बताने वाले को रिहा करे पाक
एक संशोधन में यह भी कहा गया है कि शकील अफरीदी एक अंतरराष्ट्रीय हीरो हैं और पाक सरकार को चाहिए कि वह तुरंत उन्हें जेल से रिहा कर दे। अफरीदी ने एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन की मौजूदगी का पता लगाने में अमरीका की मदद की थी। अपने 6 महीनों के कार्यकाल में ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान को कई बार आतंकवाद पर उसकी भूमिका को लेकर चेतावनी दे चुका है।
भारत के साथ रक्षा सहयोग पर बिल पारित, 40 लाख करोड़ खर्च
यूएस कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने भारत के साथ रक्षा सहयोग को लेकर एक बिल पारित हुआ है। इसमें रक्षा सहयोग बढ़ाने पर 621.5 बिलियन डॉलर (करीब 40 लाख करोड़ रुपए) खर्च का प्रावधान किया गया है। नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) 2018 को प्रतिनिधि सभा ने 81 के मुकाबले 344 वोटों से पास किया। इस एक्ट पर अमल इस साल 1 अक्टूबर से होगा। बिल पास होने के बाद अब अमरीकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के पास दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के मकसद से स्ट्रैटजी बनाने के लिए 180 दिनों का समय है। इस एक्ट को अब सीनेट में पास होने के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद इसे कानून की शक्ल देने के लिए प्रेसिडेंट
डोनाल्ड ट्रम्प पास हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस भेजा जाएगा। इस बिल को मोदी के यूएस दौरे के बाद दोनों देशों के बीच गहरे होते संबंधों के तौर पर देखा जा रहा है।