अमरीका

विविधता-रोधी मेमो लिखने वाले शख्स को बर्खास्त करने का खेद नहीं : पिचाई

पिचाई ने कहा विविधता-रोधी मेमो लिखने वाले शख्स को बर्खास्त करने का खेद नहीं है।

नई दिल्लीJan 20, 2018 / 01:37 pm

Prashant Jha

सैन फ्रांसिस्को: प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई का कहना है कि उन्हें कंपनी की विविधता नीति की आलोचना करने वाले कर्मचारी को पिछले साल बर्खास्त करने के फैसले पर खेद नहीं है। पिचाई से एक साक्षात्कार के दौरान डेमोर को गूगल से निकाले जाने के सवाल के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “मुझे इसका खेद नहीं है। वह सही फैसला था।”पिचाई ने कहा, “जब हम इस तरह का कोई फैसला करते हैं तो उसे राजनीतिक लिहाज से बिल्कुल नहीं देखते।”
डेमोर ने लिखा था मेमो

डेमोर को पिछले साल कंपनी की विविधता नीति के बारे में 10 पेज का विविधता विरोधी मेमो लिखने की वजह से बर्खास्त कर दिया गया था, जिसके बाद डेमोर ने इस महीने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया है। उसका कहना है कि कंपनी में श्वेतों के साथ भेदभाव होता है। डेमोर ने कैलिफोर्निया की एक अदालत में दायर मुकदमे में कहा कि गूगल ने उन्हें और उनके साथी को अपमानित, दंडित और निष्कासित किया। डेमोर ने कहा कि वह और अन्य लोग जो लंबे अर्से से गूगल को लेकर अपने विचार साझा करते रहे हैं, उन्हें उनके अधिकारों का उल्लंघन करते हुए अलग-थलग किया गया, दुर्व्यवहार किया गया और सुनियोजित तरीके से दंडित करते हुए गूगल से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि गूगल का विविध पृष्ठभूमि वाले कर्मचारियों को नौकरी पर रखना कॉकेशियन और पुरुष कर्मचारियों के प्रति ‘अपमानजनक भेदभाव’ के स्वरूप को दिखाता है।
पिचाई पहले ही मेमो को बता चुके हैं अपमानजनक

गूगल के इस पूर्व कर्मचारी ने पिछले साल अगस्त में वॉल स्ट्रीट जर्नल में ‘वाय आई वॉज फायर्ड बाय गूगल’ शीर्षक से ओप-एड भी लिखा था। पिचाई पहले ही डेमोर के मेमो को ‘अपमानजनक’ कह चुके हैं। बाद में परिसर में एक कोडिंग इवेंट में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए पिचाई ने कहा था, गूगल में आपके लिए जगह है। किसी और को कुछ और न कहने दें। आपका संबंध यहां से है। हमें आपकी जरूरत है।

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