अमरीकी सीनेटर जॉन मैक्केन ने सीनेट में एक संशोधन बिल पेश कर पाकिस्तान पर कड़े प्रतिबंधों की मांग की है।
वॉशिंगटन. अमरीकी सीनेटर जॉन मैक्केन ने सीनेट में एक संशोधन बिल पेश कर पाकिस्तान पर कड़े प्रतिबंधों की मांग की है। इस बिल में कहा गया कि अगर पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी गुटों का समर्थन करना जारी रखता है तो अमरीका को उससे आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक जुर्माना वसूलना चाहिए। मैक्केन ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार अधिनियम (एनडीएए) 2018 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है, ताकि अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और अमरीका के खिलाफ आतंकवादी हमलों को रोका जा सके। सीनेट की हथियार सेवा समिति के अध्यक्ष जॉन मैक्केन द्वारा पाकिस्तान संबंधी इस विधेयक को कांग्रेस की मंजूरी मिलने की पूरी संभावना मानी जा रही है क्योंकि उनके विधेयक अभी तक अमरीकी संसद में रुके नहीं हैं। गौरतलब है कि भारत कई बार आरोप लगा चुका है कि पाकिस्तान आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह है और वो लगातार आतंकी गुटों का समर्थन करता रहता है।
2000 करोड़ रुपए की मदद रोकी थी
इसी माह अमरीका ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका देते हुए करीब 2000 करोड़ रुपए की मदद नहीं देने का फैसला किया था। अमरीका ने यह फैसला इसलिए किया, क्योंकि पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने के लिए पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है। साथ ही हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
सेना ने सुप्रीम कोर्ट के सहारे शरीफ को बेदखल किया!
वहीं पाक में नवाज शरीफ की कुर्सी जाते ही वहां की सेना पर सवालिया निशान उठने शुरू हो गए हैं। शरीफ को हटाने के लिए पाक सेना ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट को अपना हथियार बनाया। पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा की अगुवाई में इसका ताना-बाना पहले से बुना गया था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इसकी नींव उस वक्त रखी गई, जब शरीफ ने सेना की सत्ता को चुनौती देने की कोशिश की। इसकी शुरुआत तब हुई जब एक बैठक में शरीफ ने सेना से कहा था कि आतंकियों को काबू में रखिए या अंतरराष्ट्रीय फजीहत के लिए तैयार रहिए। बैठक की बातें अखबार ‘डॉन’ ने लीक कर दी थीं, जिसके बाद दुनिया में यह मुद्दा पूरे जोर-शोर से उछला था। उसी वक्त से शरीफ व सेना के रिश्ते खराब होने शुरू हो गए।