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सभी आंतकी संगठनों पर कार्रवाई करें पाक: अमरीका

Published: Apr 15, 2016 01:35:00 pm

आंतकवाद पर सख्ती दिखाते हुए अमरीका ने पाकिस्तान को सभी आंतकी संगठनों पर कार्रवाई करने को कहा है

jhon kerby

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वाशिंगटन। आंतकवाद पर सख्ती दिखाते हुए अमरीका ने पाकिस्तान को सभी आंतकी संगठनों पर कार्रवाई करने को कहा है। अमरीकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी हालिया केबल में पाकिस्तान की कुख्यात खुफि या आईएसआई और हक्कानी नेटवर्क के बीच गहरे संबंधों की बात सामने आने के बाद यह बयान दिया गया है।

लश्कर-ए तैयबा भी शामिल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, हम पाकिस्तान की सरकार के उच्च स्तरीय नेतृत्व के साथ इस बात को लेकर लगातार स्पष्ट रहे हैं कि उसे सभी आतंकी संगठनों को निशाना बनाना चाहिए, जिनमें हक्कानी नेटवर्क, अल-कायदा, लश्कर-ए तैयबा भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, पाकिस्तान सरकार ने खुद भी कई बार कहा है कि वह किसी आतंकी समूह को लेकर कोई पक्षपात नहीं करेगा, फिर चाहे उनका एजेंडा या मान्यता कुछ भी हो।

हक्कानी नेटवर्क के बीच गहरे संबंध
किर्बी दरअसल नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव की ओर से हाल ही में जारी किए गए सिलसिलेवार अमेरिकी केबल से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इन केबल से मिली जानकारी में पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस और हक्कानी नेटवर्क के बीच गहरे संबंधों की बात कही गई है।

हक्कानी नेटवर्क को दो लाख डॉलर दिए
जारी किए गए इन केबलों में से एक केबल के अनुसार, आईएसआई ने वर्ष 2009 में अफगानिस्तान के सीआईए शिविर पर आत्मघाती हमले के लिए खूंखार हक्कानी नेटवर्क को दो लाख डॉलर दिए थे। उस हमले में सात अमेरिकी एजेंट और ठेकेदार एवं तीन अन्य लोग मारे गए थे। सीआईए ने इस केबल पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

सीआईए बेस पर हमला
एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं, जो केबल में दी गई जानकारी को साबित करते हों, हालांकि यह वास्तविक है। अमेरिका यह कहता रहा है कि अफगानिस्तान स्थित सीआईए बेस पर हमला अलकायदा ने किया था न कि हक्कानी नेटवर्क ने।

जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव की ओर से जारी केबल में कहा गया, चापमान में हमला करने के लिए एक अज्ञात तिथि पर हक्कानी सलार और एक अज्ञात आईएस आईडी अधिकारी या अधिकारियों के बीच चर्चाओं के दौरान हक्कानी और सलार को दो लाख डॉलर उपलब्ध करवाए गए थे। विश्वविद्यालय ने ये केबल सूचना की स्वतंत्रता कानून के तहत विदेश मंत्रालय से प्राप्त किए थे।

एक खुफिया अधिकारी के अनुसार, जमीनी स्तर पर मौजूद किसी सूत्र से प्राप्त केबल में दर्ज जानकारी की पुष्टि नहीं की जा सकती और इस सूचना से मेल खाता अन्य कोई केबल नहीं है।

पक्षपात नहीं
किर्बी ने कहा, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान की सरकार से हमारी अपेक्षाएं क्या हैं और पाकिस्तान सरकार ने भी यह सार्वजनिक तौर पर बार-बार स्पष्ट किया है कि वह संगठनों के साथ पक्षपात नहीं करने वाली।
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