पहली बार ट्रंप ने व्हाइट हाउस में आयोजित की इफ्तार पार्टी, मुसलमानों को दी रमजान की मुबारकबाद
ट्रंप ने कहा, 'आज हम दुनिया के महान धर्मों में से एक की पवित्र परंपरा का सम्मान करते हैं।'

वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों के खिलाफ आग उगलने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अब मुसलमानों को व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी दी है। बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। 13 से ज्यादा मुस्लिम देशों के राजदूतों को इफ्तार के लिए आमंत्रित किया गया। ट्रम्प ने दुनिया भर के मुस्लिमों को रमजान की मुबारकबाद दी। इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने मुस्लिम समाज से देश-दुनिया की सुरक्षा और खुशहाली लाने के लिए मदद की अपील की।उन्होंने कहा कि मुझे इस बात पर गर्व है मैं राष्ट्रपति के तौर में पहली बार विदेश यात्रा पर मुस्लिम देश गया था। जहां मैंने मुस्लिम बहुमत वाले 50 से ज्यादा नेताओं की सभा को संबोधित किया।
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ये लोग हुए शामिल
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प की इस इफ्तार पार्टी में सऊदी राजदूत प्रिंस खालिद बिन सलमान, जॉर्डन के राजदूत दीना कवर और इंडोनेशिया के राजदूत के अलावा साथ टेबल यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई), मिस्र, ट्यूनीशिया, कतर, बहरीन, मोरक्को, अलजीरिया, लीबया, कुवैत, गांबिया, इथोपिया, इराक और बोस्निया के राजदूत पहुंचे।

नहीं पहुंचे कुछ मुस्लिम संगठन
उनके इस इफ्तार पार्टी का कई मुस्लिम संगठनों ने बायकॉट कर दिया। इन संगठनों ने ट्रंप को मुसलमान विरोधी बताता हुए इफ्तार पार्टी में नहीं जाने का फैसला किया। कुछ संगठनों ने इस पार्टी का विरोध किया। उन्होंने व्हाइट हाऊस के बाहर इफ्तार किया।
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बिल क्लिंटन ने की थी शुरूआत
इफ्तार देने की परंपरा का आगाज डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन ने सन् 1990 में की थी। लेकिन माना जाता है इसकी जड़ें सन् 1805 में हैं और उस समय अमरीका के तीसरे राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन ने इसी तरह के डिनर की शुरुआत व्हाइट हाउस में की थी। बता दें कि पिछले वर्ष राष्ट्रपति ट्रंप ने इफ्तार पार्टी का आयोजन करने से साफ इनकार कर दिया था। उनके इस फैसले ने कई लोगों को नाराज कर दिया था। इस हफ्ते की शुरुआत में व्हाइट हाउस की ओर से इस इफ्तार पार्टी के आयोजन की जानकारी दी गई तो कई मुस्लिम संगठन इसके विरोध में आ गए थे। आपको बता दें कि रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्यादय से लेकर सूर्यास्त तक फास्ट रखते हैं और शाम को इफ्तार के समय ही अन्न ग्रहण करते हैं।
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