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70 वर्षों में छह अमरीकी राष्‍ट्रपति आए भारत, रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचा दोस्‍ती का रिश्‍ता

Published: Jul 04, 2018 03:13:47 pm

पिछले कुछ वर्षों में बदली विश्‍व व्‍यवस्‍था के बीच दोनों देश समझदारी दिखाते हुए रणनीतिक साझेदार बन गए हैं।

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70 वर्षों में छह अमरीकी राष्‍ट्रपति आए भारत, रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचा दोस्‍ती का रिश्‍ता

नई दिल्‍ली। दुनिया के दो महान लोकतंत्र भारत और अमरीका दो ऐसे राष्ट्र हैं, जिन्होंने अपने आधुनिक इतिहास के दौरान संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। दोनों देशों के उतार-चढ़ाव के इस क्रम में आजादी के 70 वर्षों में अमरीका के छह राष्‍ट्रपति संबंधों को मजबूती देने भारत आए। इसके बावजूद दोनों देशों के बीच भिन्न-भिन्न सामरिक और विचारधारात्मक कारणों से समय-समय पर तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, लेकिन परिस्थितियां बदलने पर दोनों देश एक-दूसरे के करीब भी आए हैं। पिछले कुछ वर्षों में बदली विश्‍वव्‍यवस्‍था में दोनों देश रणनीतिक साझेदार तक बन गए हैं।
शीत युद्ध के काल में बनी रही दूरी
शीत युद्ध की राजनीति का अमरीकी-भारत संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ा। जबकि विश्व के अधिकतर देश पूर्वी ब्लॉक और पश्चिमी ब्लॉक में बंटे हुए थे। भारत ने सैद्धांतिक रूप से गुट-निरपेक्ष रहने का फैसला किया पर वह अमरीका के बजाय सोवियत संघ के ज्यादा करीब रहा। ऐसा इसलिए कि सोवियत संघ ने भारत की सहायता करने में देर नहीं लगाई और आजादी के शुरुआती दशकों में उसने हर मोड़ पर भारत का साथ दिया।
मनमोहन ने की रिश्‍तों में गर्माहट घोलने की पहल
शीत युद्ध के बाद से भारत की मौजूदा विदेश नीति अपने राष्ट्रीय हितों की खातिर एक साथ विभिन्न देशों से अच्छे संबंध बनाने की है। भारत, ईरान, फ़्रांस, इस्राइल, अमरीका और बहुत से अन्य देशों के साथ मित्रता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। भारत और अमरीका के बीच रिश्‍तों को नए सिरे से स्‍थापित करने की कोशिश यूपीए वन के समय डॉ. मनमोहन सिंह ने ही कर दी थी जो मोदी सरकार के काल में परवान चढ़ रहा है।
क्लिंटन के दौरे को वाजपेयी ने बताया नया कदम
आजादी के 70 वर्षों में छह अमरीकी राष्ट्रपति भारत की यात्रा कर चुके हैं। भारत की यात्रा करने वाले अमरीकी राष्‍ट्रपतियों में जिमी कार्टर 1975 में, रिचर्ड निक्सन 1969 में, ड्वाइट आइजनहावर 1959, मार्च, 2000 में राष्ट्रपति क्लिंटन, और मार्च 2008 में जॉर्ज डब्‍लू बुश और उसके बाद राष्‍ट्रपति ओबामा भी भारत आए। पीएम वाजपेयी ने क्लिंटन के दौरे को भारत-अमरीकी संबंधों को 21 वीं शताब्‍दी के लिए एक नई विश्‍व की परिकल्‍पना की दिशा में उठाया गया नया कदम करार दिया था। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने वाले पहले अमरीकी राष्ट्रपति बने। उनकी यात्रा के बाद से भारत और अमरीका के रिश्ते अब और ज्यादा मजबूत हो गए हैं और दोनों देश रणनीतिक साझेदार बन गए हैं।
ट्रंप और मोदी एरा
पीएम मोदी और अमरीकी राष्‍ट्रपति ट्रंप में काफी समानताएं हैं। पीएम मोदी के दौरे से भारत और अमरीका के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ता जा रहा है और आने वाले वर्षों में और अधिक बढ़ने की संभावना है। इस दौरान दोनों के बीच सैन्य सहयोग भी बढ़ा है। अमरीका भारतीय उपमहाद्वीप में स्थिरता की वकालत करता रहा है, जिसमें कश्मीर मुद्दे पर तनाव कम करना और परमाणु हथियारों के प्रसार व परीक्षण का परित्याग भी शामिल है। यह अब अच्छी तरह स्थापित हो चुका है कि दोनों देशों के पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है। इस दिशा में दोनों तरफ से सार्थक कदम उठाए जाने से आगामी वर्षों में दोनों देशों के बीच में संबंधों को और मजबूती मिलने की संभावना है।

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