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जब यह बच्ची हंसती है तो साथ में खिलखिलाता है इसका दिल, दुनिया का पहला ऐसा मामला!

Published: Sep 24, 2017 03:03:00 pm

Submitted by:

राहुल

आपने कभी किसी ऐसे इंसान के बारे में सुना है जो अगर अगर हंसे तो उसके साथ उसका दिल भी खिलखिलाए और वो खिलखिलाता हुआ दिल हमें नजर भी आये?

girl laughs her heart pushes out of her body
नई दिल्ली: क्या आपने कभी किसी ऐसे इंसान के बारे में सुना है जो अगर अगर हंसे तो उसके साथ उसका दिल भी खिलखिलाए और वो खिलखिलाता हुआ दिल हमें नजर भी आये? जी हां! यह एक ऐसा मामला है जिसमें एक बच्ची का दिल गर्दन से पेट के बीच के हिस्से में ऊपर की ओर धड़कता है। जब यह बच्ची हंसती है तो वो धडकता हुआ दिल साफ़ नजर आता है। इस तरह की कंडीशन को मेडिकल की भाषा में चेस्ट कैविटी कहा जाता है।

दरअसल इस प्यारी और नन्ही सी बच्ची का जन्म एक ऐसी दुर्लभ स्थिति में हुआ जिसे पेंटालजी ऑफ कैंट्रल कहा जाता है। विरसेवय बॉरन नाम की यह 7 साल की बच्ची इसी रेयर और जटिल बीमारी का सामना कर रही है। बच्ची खुद भी अपनी चेस्ट पर अपनी ही दिल को धड़कते हुए देखती है। ‘VirsaviyaWarrior’ नाम से यूट्यूब पर एक विडियो अपलोड किया गया है, जिसमें आप देख सकते हैं कि कैसे जब यह मासूम और प्यारी बच्ची हंसती है तो साथ ही उसका दिल भी मुस्कुराता है। उसका दिल शरीर से बाहर की ओर तेजी से धड़कने लगता है।
इस बच्ची का परिवार मूल रूप से रसिया का रहने वाला है लेकिन बच्ची के बेहतर इलाज के चलते परिवार अपनी इस बच्ची सहित अमरीका के फ्लोरिडा में रह रहा है। यूट्यूब पर अपलोड किए गये इस 43 सेकंड के वीडियो को देखने के बाद आप बच्ची की हालत का अंदाजा लगा सकते हैं। वीडियो में साफतौर पर देखा जा सकता है कि कैसे बच्ची का दिल त्वचा की एक पतली परत में लिपटा है और वह जब हंसती है तब उसका दिल बाहर की ओर आता नजर आ जाता है।
हालांकि बच्ची की मां का यही कहना है कि उनकी बच्ची अपने उम्र की लड़कियों की तरह ही टहल और कूद सकती है। मां का कहना है बच्ची के जन्म के समय डॉक्टरों ने उनसे कहा था कि इस रेयर कंडीशन में बच्ची ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकेगी। इसी कारणबच्ची का परिवार उसे लेकर अच्छे इलाज की उम्मीद लिए अमरीका चला आया और फ्लोरिडा में बस गया।
बच्ची की कंडीशन आम नहीं है इस तरह की दुर्लभ स्थिति का औसत 10 लाख बच्चों में से 5.5 का है। इस ऑपरेशन में खतरा काफी ज्यादा है। लिहाज़ा कोई भी अस्पताल और डॉक्टर बच्ची के केस को अपने हाथों लेने के लिए तैयार नहीं हैं. इस तरह की दुर्लभ बीमारियों के जानकारों का कहना है कि इस तरह की रेयर डिजीज के बच्चे या तो मृत पैदा होते हैं या कुछ समय बाद मर जाते हैं।
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