डोनाल्ड ट्रंप का सीधे तौर पर इन चुनावों से कोई लेना देना नहीं है,लेकिन इन चुनावों का सबसे प्रमुख चेहरा वही हैं। ऐसा पहली बार है कि मिड टर्म पोल को लकेर अमरीका में इतनी उत्सुकता है।देश के हालिया इतिहास में ये सबसे अहम मध्यावधि चुनाव हैं। बता दें कि इन चुनावों को लेकर लोगों में भी भारी उत्साह है। बड़ी संख्या में अमरीकी वोट देने निकले। मतदान केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। अमरीकी संसद की प्रतिनिधि सभा यानी कांग्रेस में एक एक सीट के लिए मुकाबला कड़ा है।
जहां डेमोक्रेटिक पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी पर बढ़त बना लेना चाहती है। कांग्रेस में डेमोक्रेट पार्टी की नेता नेंसी पलोसी का कहना है कि उन्हें अपनी पार्टी की जीत पर पूरा यकीन है। मीडिया से बात करने हुए पलोसी ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि हम ही जीतेंगे। सवाल अब बस जीत के अंतर का है।” उन्होंने आगे कहा, “जब लोग मुझसे पूछते हैं कि ये लहर है, तो मैं कहती हूं कि नहीं, ये सब पानी की बूंदें हैं ।” इस तरह ये चुनाव डोनाल्ड ट्रंप के लिए कड़ी परीक्षा माने जा रहे हैं। अगर चुनाव के बाद डेमोक्रेट पार्टी संसद के दोनों सदनों या एक सदन में अपना नियंत्रण स्थापित कर लेती है तो राष्ट्रपति ट्रंप के लिए बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
अमरीकी कांग्रेस की 435 सीटों में फिलहाल रिपब्लिकन पार्टी के पास 235 सीटें हैं जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 193 सीटें हैं। प्रतिनिधि सभा की सभी सीटों के लिए हर दो साल में मतदान होते हैं। फिलहाल सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी को मामूली बहुमत हासिल है। इसे पहले कल सोमवार को ट्रंप ने आखिर बार चुनाव प्रचार किया। कल राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि अमरीका में मध्यावधि चुनाव ‘नीरस’ हुआ करते थे, लेकिन उनके व्यक्तित्व और काम पर मीडिया की नजर की वजह से अब यह काफी दिलचस्प हो गया है।