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बराक ओबामा के शासन में बने इस कानून को ट्रंप ने किया खत्म, भारत पर भी पड़ेगा असर

Published: Dec 15, 2017 11:21:48 am

Submitted by:

Pradeep kumar

ट्रंप प्रशासन में नेट न्यूट्रेलिटी से जुड़े पुराने कानून को पलट दिया गया है।

trump obama
वाशिंगटन। अमरीका में नेट न्यूट्रेलिटी स्थापित करने के इरादे से पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने कार्यकाल में इससे जुड़ा एक कानून पास किया था। लेकिन अब वहां ट्रंप प्रशासन में नेट न्यूट्रेलिटी से जुड़े पुराने कानून को पलट दिया गया है। अमरीका के रेग्युलेटर्स ने पुराने नेट न्यूट्रेलिटी कानून के विरोध में वोट किया जिससे अब उस कानून को वापस ले लिया गया है।
नेट न्यूट्रेलिटी खत्म करने का प्रस्ताव
खबरों की माने तो रिपब्लिकन पार्टी के कुछ दिन पहले नियुक्त भारतीय-अमेरिकी चेयरमैन अजित पाई ने नेट न्यूट्रेलिटी को खत्म करने का प्रस्ताव रखा था। फेडरल कम्युनिकेशन ने भी इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। इस फैसले का विरोध करने वालों का तर्क है कि इससे यूजर्स को नुकसान होगा और सिर्फ बड़ी कंपनियों को फायदा मिलेगा।
भारत पर भो पड़ेगा फैसले का प्रभाव
नेट न्यूट्रेलिटी को लेकर भारत में भी चर्चाएं होती रहती है। भारत में जहां कुछ टेलीकॉम कंपनियां इसके समर्थन में हैं, तो कई इसके खिलाफ हैं। नेट न्यूट्रेलिटी के समर्थकों का यह तर्क है कि अगर इसे आज से दस साल पहले खत्म कर दिया जाता, तो शायद ऑरकुट और माई-स्पेस जैसी वेबसाइट्स सर्विस प्रोवाइडर को ज्यादा पैसे देकर अपनी स्पीड बढ़वा सकती थी। इससे यह दूसरी सोशल साइट्स से भी स्पीड के मामले में मुकाबला कर पाती और तेजी से प्रसार कर पातीं। यही नहीं इस कारण उस वक्त फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों को भी टक्कर दे पाती जिससे उसे जड़ें जमाने का मौका ही नहीं मिल पाता। वहीं आज भी अगर ऐसा होता है तो इससे नई वेबसाइटों को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा।
छोटी वेबसाइटों पर खतरा बढ़ेगा
आपको बता दें छोटी वेबसाइट जैसे विमियो और रेड्डिट इंटरनेट पर अभी भी अपनी जगह बना रही है, अगर नेट न्यूट्रेलिटी के आभाव में इस तरह की वेबसाइट अमरीका में बंद कर दी जाती हैं, तो भारत जैसे देशों में भी इनके यूजर्स में कमी आएगी। भारत हमेशा से नेट न्यूट्रेलिटी को किसी भी तरह से प्रभवित करने का पक्षधर नहीं, लेकिन ये जरूर है अमरीका में नेट न्यूट्रेलिटी खत्म होने से भारत सहित कई देश इससे प्रभावित होंगे।
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