अमरीका का कहाना है कि वह कश्मीर मसले पर करीब से नजर बनाए हुए है। 26 अगस्त को डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात होगी। इससे पहले ट्रंप प्रशासन का कहना है कि कश्मीर के हालात पर अमरीका ने दोनों से शांति और संयम कायम रखने की सलाह दी है।
ईरान के शीर्ष नेता कश्मीरी मुस्लिमों के लिए चिंतित, जताई भारत से न्यायपूर्ण नीति अपनाने की उम्मीद गौरतलब है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट कहा है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करना उसका आंतरिक मामला था और पाक को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह भी दी।
गौरतलब है कि इसमें कोई शक़ नहीं कि बीते सात दशकों से भारत औऱ पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर आमने सामने हैं। इस दौरान दोनों कई जंगें भी लड़ चुके हैं। शिमला समझौते के तहत दोनों के बीच यह तय हुआ था कि यह मसला द्विपक्षीय स्तर पर हल किया जाए।
पाकिस्तान के मौजूदा हालात ऐसे हैं कि उसे अपनी चरमराती अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए अमरीका का साथ चाहिए। इसके लिए अमरीका को पाक तालिबान शांति वार्ता की लालच दे रहा है। उसका कहना है कि अफगानिस्तान में वह अमरीका की तालिबान के साथ बातचीत में अहम रोल अदा कर सकता है। इसे लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर के मसले में कूद पड़े हैं।
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