ट्रंप के प्रस्ताव की निंदा डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने ट्रंप के इस प्रस्ताव की निंदा की है। ट्रंप ने बचपन में अवैध तरीके से अमीरिका में प्रवेश करने वाले नाबालिगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम डेफर्ड ऐक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स (डीएसीए) को पिछले माह खत्म करने की घोषणा की थी। अमरीका में इस तरह के बच्चों को ‘ड्रिमर्स’ कहा जाता है। और उन्हें दो साल का वर्क परमिट प्रदान किया जाता रहा है। लेकिन ट्रंप अब इसे ‘असंवैधानिक’ घोषित करना चाहते हैं। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डीएसीए कार्यक्रम शुरू कर इस तरह के बच्चों को कानूनी रूप से काम करने का अधिकार दिया था।
आव्रजन नीतियों के आमूल-चूल समीक्षा की व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक पत्र में ट्रंप ने प्रतिनिधि सभा और सीनेट सदस्यों से कहा कि प्राथमिकताएं सभी आव्रजन नीतियों के आमूल-चूल समीक्षा की है। उन्होंने यह भी तय करने को कहा है कि अमरीका के आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किन-किन कानूनों में बदलाव की जरूरत है। इस चिट्ठी में ट्रंप ने लिखा है, “इन सुधारों के बिना अवैध आव्रजन और सिलसिलेवार तरीके से हो रहा आव्रजन अमरीकी श्रमिकों और करदाताओं पर हमेशा के लिए बड़ा बोझ बना रहेगा।
इमिग्रेशन पॉलिसी कठोर ट्रंप ने इस मुद्दे पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था, “मुझे इन लोगों (इमिग्रैंट्स) से प्रेम है और आशा करता हूं कि कांग्रेस उनकी मदद करने में सक्षम होगी और इसे सही तरीके से करेगी.” ट्रंप ने प्रस्तावित इमिग्रेशन पॉलिसी को काफी कठोर बनाया है, जिसमें ग्रीन कार्ड प्रणाली को पूरी तरह से बदलने की बात कही है। इसके तहत पूरे परिवार के लिए जारी होने वाला ग्रीन कार्ड सिर्फ दंपतियों तक ही सीमित हो जाएगा।
ग्रीन कार्ड सिस्टम से हो सकती है दिक्कत
जानकारों का मानना है कि स्किलड बेस्ड आव्रजन नीति से भी खासतौर पर भारतीय आइटी पेशेवरों को फायदा होगा। लेकिन ग्रीन कार्ड सिस्टम में सुधार का प्रस्ताव है। अगर संसद में अगर प्रस्ताव पारित हो गया तो, अमरीका में रहने वाले विदेशी नागरिकों को ग्रीन कार्ड मिलना मुश्किल हो जाएगा। गौरतलब है कि ग्रीन कार्ड वह व्यवस्था है, जिसमें कुछ वर्ष रहने के बाद व्यक्ति को शर्तों के साथ अमरीका में स्थायी रूप से रहने की सुविधा मिल जाती है। सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव में रिश्तेदारों को स्वतः ग्रीन कार्ड मिलने की शर्त कड़ी की गई है। इससे पेशेवरों को अपने परिजनों को स्थायी रूप से साथ रखने में मुश्किल पेश आएगी।
जानकारों का मानना है कि स्किलड बेस्ड आव्रजन नीति से भी खासतौर पर भारतीय आइटी पेशेवरों को फायदा होगा। लेकिन ग्रीन कार्ड सिस्टम में सुधार का प्रस्ताव है। अगर संसद में अगर प्रस्ताव पारित हो गया तो, अमरीका में रहने वाले विदेशी नागरिकों को ग्रीन कार्ड मिलना मुश्किल हो जाएगा। गौरतलब है कि ग्रीन कार्ड वह व्यवस्था है, जिसमें कुछ वर्ष रहने के बाद व्यक्ति को शर्तों के साथ अमरीका में स्थायी रूप से रहने की सुविधा मिल जाती है। सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव में रिश्तेदारों को स्वतः ग्रीन कार्ड मिलने की शर्त कड़ी की गई है। इससे पेशेवरों को अपने परिजनों को स्थायी रूप से साथ रखने में मुश्किल पेश आएगी।