सिग्नस अंतरिक्ष यान से वैज्ञानिकों को उम्मीद
अंतरिक्ष केंद्र के अधिकारी दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के चहलकदमी की समीक्षा करेंगे। ये अधिकारी यह जानना चाहते हैं कि कहीं अंतरिक्ष में इन लोगों को परेशानी तो नहीं हो रही है। साथ ही नासा के वैज्ञानिक कार्गो मिशन के एंटारेस रॉकेट से सिग्नस अंतरिक्ष यान की गतिविधियों पर नजर भी रखेंगे। बताया जा रहा है कि नासा अपने अंतरिक्ष अभियान की सफलता के लिए इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों पर बराबर निगाह रख रहा है। अब इस एंटारेस रॉकेट से सिग्नस अंतरिक्ष यान को भेजने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं। नासा को उम्मीद है कि इससे वे अपने लक्ष्य में जरुर सफल होंगे।
अंतरिक्ष केंद्र के अधिकारी दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के चहलकदमी की समीक्षा करेंगे। ये अधिकारी यह जानना चाहते हैं कि कहीं अंतरिक्ष में इन लोगों को परेशानी तो नहीं हो रही है। साथ ही नासा के वैज्ञानिक कार्गो मिशन के एंटारेस रॉकेट से सिग्नस अंतरिक्ष यान की गतिविधियों पर नजर भी रखेंगे। बताया जा रहा है कि नासा अपने अंतरिक्ष अभियान की सफलता के लिए इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों पर बराबर निगाह रख रहा है। अब इस एंटारेस रॉकेट से सिग्नस अंतरिक्ष यान को भेजने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं। नासा को उम्मीद है कि इससे वे अपने लक्ष्य में जरुर सफल होंगे।
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दरअसल नासा का मानवरहित एंटारेस रॉकेट साल 2014 में लांचिंग के कुछ देर बाद ही फट गया था। इसके माध्यम से 617 किलो खाना, 7 किलो किताबें और 1672 किलो उपकरण छह अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जा रहा था लेकिन वैज्ञानिकों को असफलता हाथ लगी थी। रॉकेट और सिग्नस कैप्सूल को बनाने में नासा ने करीब 1226 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस बड़ी घटना के बाद ऑर्बिटल साइंस कॉर्प के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।
दरअसल नासा का मानवरहित एंटारेस रॉकेट साल 2014 में लांचिंग के कुछ देर बाद ही फट गया था। इसके माध्यम से 617 किलो खाना, 7 किलो किताबें और 1672 किलो उपकरण छह अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जा रहा था लेकिन वैज्ञानिकों को असफलता हाथ लगी थी। रॉकेट और सिग्नस कैप्सूल को बनाने में नासा ने करीब 1226 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस बड़ी घटना के बाद ऑर्बिटल साइंस कॉर्प के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।