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प्रियंका चोपड़ा के खिलाफ शिकायत पर पाकिस्तान को झटका, संयुक्त राष्ट्र ने दिया करारा जवाब

locationनई दिल्लीPublished: Aug 23, 2019 04:36:27 pm

Submitted by:

Shweta Singh

पाकिस्तान ने की थी प्रियंका को गुडविल एंबेसडर पद से हटाने की मांग
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने जारी किया बयान

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न्यूयार्क। भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के खिलाफ पाकिस्तान की मुहिम औंधे मुंह गिर गई है। प्रियंका को संयुक्त राष्ट्र सद्भावना दूत के पद से हटाने की मांग पर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र ने करारा जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि ऐसा करना संभव नहीं है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने साफ कर दिया है कि संयुक्त राष्ट्र गुडविल एंबेसडर अपनी निजी हैसियत में कोई बयान दे सकते हैं। उन्हें इससे रोका नहीं जा सकता।

21 अगस्त को लिखी थी चिट्ठी

आपको बता दें कि पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्रवाई को प्रियंका ने सोशल मीडिया पर सराहा था। पाकिस्तान ने इसे ही युद्ध के समर्थन के रूप में प्रचारित किया। पाकिस्तान की मानवाधिकार मामलों की मंत्री शिरीन मजारी ने बीती 21 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र संस्था यूनिसेफ को पत्र लिखकर प्रियंका को यूनिसेफ के पद से हटाने की औपचारिक रूप से मांग की थी।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने दिया जवाब

इस पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बयान जारी किया है। बयान में कहा गया कि गुडविल एंबेसडर अपनी निजी हैसियत में हर उस बात पर अपनी निजी राय व्यक्त करने का अधिकार रखते हैं, जिससे वे खुद को निजी तौर से जुड़ा पाते हैं। दुजारिक ने गुरुवार को एक प्रेस बीफिंग के दौरान किए सवाल के जवाब में यह बात कही।

क्या बोले प्रवक्ता?

उन्होंने कहा, ‘देखिए, मैं आपसे कह सकता हूं कि वह चाहे मिस चोपड़ा हों या फिर कोई और गुडविल एंबेसडर, अगर वे यूनिसेफ या (संयुक्त राष्ट्र की) किसी अन्य संस्था की तरफ से कोई बयान देते हैं तो हम उनसे मामले में निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं। लेकिन, अगर यह गुडविल एंबेसडर अपनी निजी हैसियत में किसी विषय पर अपनी कोई निजी राय देते हैं तो ऐसा करने का उन्हें अधिकार है।’ दुजारिक ने साफ कर दिया कि दूत द्वारा निजी हैसियत में दिए गए बयान का संयुक्त राष्ट्र के औपचारिक रुख से कोई लेना-देना नहीं होता।

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