अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में अहम योगादान वियना में जुलाई 2015 को ईरान, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों के बीच जेसीपीओए समझौता हुआ था। बयान के मुताबिक, “जेसीपीओए परमाणु अप्रसार संधि और कूटनीति की दिशा में बड़ी उपलब्धि है और इसने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में अहम योगादान दिया है।” गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक के हवाले से समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, “महासचिव को यकीन है कि ईरान परमाणु कार्यक्रम का विशेष शांतिपूर्ण स्वरूप सुनिश्चित करने और ईरान के लोगों को वास्तविक आर्थिक लाभ उपलब्ध पहुंचाने के लिए जीसीपीओए (संयुक्त समग्र कार्ययोजना) सर्वश्रेष्ठ तरीका है।”
लंबे समय के बाद हुआ समझौता लंबे समय के बाद आखिरकार ईरान और छह महाशक्तियों के बीच ऐतिहासिक परमाणु समझौता हो गया है। इसकी जानकारी ईरानी राजनयिक ने दी। समझौते के बाद तेहरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे। हालांकि, इसके लिए ईरान को अपने परमाणु कार्यकर्मो में कटौती करनी होगी। राजनयिक ने बताया कि वार्ता सफल रही और हम सकारात्मक समझौता करने में सफल रहे। अल्लाह हमारे लोगों की रक्षा करे। एक अन्य ईरानी राजनयिक ने भी समझौते की पुष्टि की है। यह वार्ता ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में पिछले दो सप्ताह से ईरान और विश्व की छह महाशक्तियां (ब्रिटेन, अमरीका, रूस, चीन, फ्रांस एवं जर्मनी) के बीच च रही थी। वार्ता के बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चले आ रहे दशकों पुराने गतिरोध को दूर करने में सफलता मिली।