अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव: डोनाल्ड के लिए ‘ट्रंप’ साबित हो सकता है आतंकी हमला
Published: Jun 13, 2016 11:44:00 pm
जिस तरह से यूरोप और अमरीका में आतंकी हमले बढ़ रहे हैं, उससे ट्रंप का पलड़ा काफी भारी होता जा रहा है
दिनेश मिश्र
नई दिल्ली। 9/11 के आतंकी हमलों के बाद अमरीका एकबार फिर सदमे में है। जिस वक्त पूरे देश में एक नया राष्ट्रपति चुनन की बहस जोरों पर चल रही है, उसी समय इस्लामिक स्टेट के एक आतंकी ने गोलीबारी कर 50 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। माना जा रहा है कि इस हमले से अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव की दशा और दिशा काफी हद तक बदल जाएगी। विशेषज्ञ तो यहां तक कह रहे हैं कि अमरीका में लोग अब शिद्दत से आतंकवाद पर सख्त फैसले लेने वाले राष्ट्रपति की जरूरत महसूस कर रहे हैं, जिसमें मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा नाकाम साबित हुए हैं।
अमरीकी समाज की जिस तरह से सोच बदल रही है, उससे आने वाले दिनों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के बीच मुकाबला और दिलचस्प होता जाएगा। थिंक टैंक गेटवे हाउस, मुंबई में सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ व सीनियर फेलो समीर पाटिल कहते हैं कि अगर इसी तरह से आतंकी हमले होते रहे तो हो सकता है कि आने वाले दिनों में यह मुकाबला एकतरफा हो जाए।
जिस तरह से यूरोप और अमरीका में आतंकी हमले बढ़ रहे हैं, उससे ट्रंप का पलड़ा काफी भारी होता जा रहा है। हाल के प्राइमरी चुनावों में इसकी झलक साफ दिखाई दी। अपनी रैलियों में ट्रंप ने ओबामा की आतंकवाद पर खुलेआम जमकर खिंचाई की थी और उन्हें नकारा तक करार दिया था। ट्रंप का नारा भी है कि अमरीका को फिर से उसका गौरव वापस दिलाना है। वहीं, भारत-अमरीकी मामलों के जानकार रहे और अमरीका में भारत के पूर्व राजदूत नरेंश चंद्रा कहते हैं कि भारत और आतंकवाद दोनों आतंकवाद से पीडि़त है। ऐसे में अब अमरीका को भी आतंकवाद के खिलाफ सहयोगी देशों का मजबूत नेटवर्क बनाना होगा और उससे निपटने की एक दीर्घकालिक रणनीति भी तैयार करनी होगी। कहा जा रहा है कि अमरीकी लोग अब अपने लिए ऐसा नेता चाहते हैं, जो अमरीका को फिर से ताकतवर और मजबूत बना सके।
ट्रंप के पक्ष में पांच बातें:
-आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप का सख्त रुख रहा है।
-रिपब्लिकन पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, जो अमरीका के लिए कठोर नीतियों की वकालत करती है।
-ट्रंप अक्सर कड़े आव्रजन कानून की वकालत करते रहे हैं।
-ट्रंप ने मुस्लिमों के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाया हुआ है।
-वह बाहरी लोगों पर अमरीका में नौकरियों पर रोक के हिमायती भी रहे हैं।
हिलेरी के खिलाफ पांच बातें:
-हिलेरी की पार्टी के ओबामा की नीतियां आतंकवाद पर कमजोर साबित हुईं हैं।
-हिलेरी के विदेश मंत्री रहते इराक और लीबिया में सैनिकों को भेजे जाने की नीति नाकाम साबित हुई है।
-आव्रजन कानूनों पर कमजोर रवैये को लोग नापसंद करते रहे हैं
-डेमोक्रेटिक पार्टी का हर मामले में उदार होना हिलेरी के खिलाफ जाता है।
-प्रशासनिक पद पर रहते निजी ईमेल लीक करने से भी हिलेरी की इमेज खराब हुई है।