उनकी इस पेशकश के बाद अमरीका को अपनी मांगों से पीछे हटना पड़ सकता है। अमरीका ने इससे पहले कहा था कि परमाणु निरस्त्रीकरण की स्थिति में ही उत्तर कोरिया से बातचीत संभव है।
उत्तर कोरिया की ओर से किए जा रहे उन्नत किस्म के परमाणु परीक्षणों और मिसाइलों के प्रक्षेपण के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है और दोनों देशों के बीच तीखे आरोप-प्रत्यरोप भी हो चुके हैं। पिछले महीने उत्तर कोरिया की ओर से इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण को अपनी बड़ी उपलब्धि बताते हुए दावा किया गया कि अमरीका भी अब उसके जद में आ गया है तो अमेरिका के साथ उसके संबंध और भी खराब हो गये थे।
टिल्लरसन ने परमाणु हथियार से लैश उत्तर कोरिया को बर्दाश्त नहीं करने की अमेरिका वाशिंगटन की लंबे समय की स्थिति को दोहराते हुए टिल्लरसन ने कहा कि अगर उत्तर कोरिया तैयार होता है तो अमेरिका किसी भी समय वार्ता के लिए तैयार हैं। लेकिन इससे पहले उत्तर कोरिया को अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के साथ अपने रवैये में बदलाव करना चाहिए।