राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस कदम से गहरा झटका लगा है। आपको बता दें कि ट्रंप लंबे समय से यमन में सऊदी नेतृत्व वाले हवाई हमलों का समर्थन कर रहे हैं। सेनेट ने अपने बयान में कहा है कि सऊदी नेतृत्व वाले हवाई हमले दुनिया का सबसे खराब मानवीय संकट हैं। इससे लगभग 14 मिलियन लोग जोखिम में हैं। सेनेट ने सऊदी अरब की विदेश नीति के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गठबंधन को धता बताते हुए बुधवार को यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाले हवाई हमलों का समर्थन समाप्त करने के लिए मतदान किया। अमरीका इस युद्ध में देश सऊदी गठबंधन को हथियार और ईंधन भरने की सुविधा देता आया है। रिपब्लिकन सांसदों द्वारा 46 के मुकाबले 54 के बहुमत के साथ इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया गया।सेनेट ने राष्ट्रपति ट्रंप को 30 दिनों के इस फैसले पर अमल करने का निर्देश दिया था।
वाइट हाउस ने इस कदम को ‘त्रुटिपूर्ण’ बताते हुए वीटो की धमकी दी और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध खराब होंगे।डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को दावा किया कि सीरिया में इस्लामिक स्टेट समूह ने अपना सारा इलाका खो दिया है। यदि सेनेट के यमन पर ताजा प्रस्ताव को पूर्ण रूप से पारित कर दिया जाता है, तो यह एक ऐतिहासिक कदम बन जाएगा। यह कांग्रेस द्वारा 1973 की युद्ध शक्तियों के प्रस्ताव को लागू करने का पहला प्रयास होगा जो सीधे राष्ट्रपति की सैन्य शक्तियों पर अंकुश लगाएगा। सीनेटर बर्नी सैंडर्स जो कि 2020 के चुनावों के लिए राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं, उन्होंने कहा कि हम युद्ध में अमरीकी भागीदारी को समाप्त करके अपनी संवैधानिक शक्ति को पुनः प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। रिपब्लिकन सीनेटर माइक ली ने सैंडर्स के बयान पर सहमति व्यक्त की।
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