‘एंटी-डेफिशिएंसी’ नाम के कानून के कारण शटडाउन
आपको बता दें कि शटडाउन की स्थिति में कामकाज पूरी तरह से बंद पड़ जाता है। सरकारी कर्मचारियों के कामों पर पैसे की कमी के कारण विराम लग जाता है। संसद में किसी मामले में सहमति न बन पाने के कारण ‘एंटी-डेफिशिएंसी’ नाम के कानून के कारण शटडाउन लगाया जाता है। असहमति के कारण फंडिंग रोक दी जाती है, जिससे इस तरह की नौबत आती है।
कई सरकारी संस्थाओं पर लगता है ताला
शटडाउन की अवधि अनिश्चितकाल होती है। इसके चलते सरकारी कर्मचारी दो समूहों में बंट जाते है। इनमें से एक समूह में जरूरी तो वहीं दूसरे में कुछ कम जरूरी कर्मचारियों को रखा जाता है। बता दें कि जरूरी श्रेणी वाले कर्मचारियों को इस दौरान बिना सैलरी के काम करना होता है। वहीं शटडाउन खत्म होने तक दूसरी श्रेणी के कर्मचारियों को घर बैठना होता है। हालांकि शटडाउन के खत्म होने के बाद कर्मचारियों को काम पर दोबारा लौटने के साथ-साथ सैलरी मिलने लगती है। सबसे बड़ी बात की इस दौरान कई सरकारी संस्थाओं पर ताला भी लगा दिया जाता है।
खास विभाग जो करते हैं काम
शटडाउन के दौरान बिना सैलरी के काम करने वालों में कुछ खास विभाग शामिल है। इनमें रक्षा, सोशल सिक्योरिटी और फेडरल जेल जैसे विभाग शामिल हैं। शटडाउन खत्म होने के बाद इन्हें सैलरी मिलने लगती है। इसके अलावा कुछ ऐसे विभाग हैं जिनके बिना भी काम चलाया जा सकता है, इनमें पासपोर्ट, आयकर जैसे विभागों का नाम शामिल है। इन्हें कम-जरूरी या गैरजरूरी विभागों की श्रेणी में रखा जाता है।
अंतिम दौर की वार्ता स्थगित
आपको बता दें कि दीवार निर्माण के लिए पांच अरब डॉलर के बजट की ट्रंप की मांग पर प्रतिनिधि सभा और सीनेट के बीच चर्चा किसी मुकाम पर नहीं पहुंची। सीनेटर्स ने शुक्रवार शाम को अंतिम दौर की वार्ता स्थगित कर दी। सरकार का कामकाज ठप होने से थोड़ी देर पहले ट्रंप के ट्विटर अकाउंट पर उनके वीडियो संबोधन में वह कहते हैं कि इस मुद्दे को सुलझाने का जिम्मेदारी अब डेमोक्रेट्स के पास है। कुछ वरिष्ठ डेमोक्रेट्स ने ट्रंप पर गुस्से में यह कदम उठाने का आरोप लगाया।