उन्होंने कहा कि अगले दो सप्ताह के भीतर प्रतिबंध लगा दिये जाने की संभावना है। अमरीका अपनी सरकारी एजेंसियों और 42 करोड़ वर्तमान एवं पूर्व सरकारी कर्मचारियों से संबंधित गोपनीय जानकारियों को चुराने का आरोप चीन के हैकरों पर लगाता रहा है। हालांकि चीन ने इस तरह के आरोपों का हमेशा खंडन किया है। अमेरिकी साइबर विश्लेषकों का कहना है कि चीन के हैकर अमरीका के साइबर क्षेत्र में सेंध लगाने के लिए उच्च तकनीक वाली रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे इसके लिए जासूसों की नियुक्ति कर रहे हैं और सुरक्षित डाटा तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
अखबार ने बताया कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस वर्ष की शुरूआत में साइबर जासूसी की संदिग्ध विदेशी कंपनियों और नागरिकों की संपत्ति के उपयोग पर रोक लगाने संबंधी कार्यकारी आदेश जारी किया था। अगर चीन की कंपनियों और नागरिकों पर प्रतिबंध लगता है तो यह ओबामा के आदेश का पहली बार उपयोग होगा। हालांकि अमरीकी विदेश मंत्रालय ने इस सिलसिले में अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक प्रेस इंटरव्यू में कहा “ऎसे प्रतिबंध लगाकर हम चीन को ये संकेत भेजेंगे कि अमरीकी प्रशासन ने आर्थिक जासूसी के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी है। अब बहुत हो चुका। साथ ही इससे अमरीका के निजी क्षेत्र को यह संदेश भी मिलेगा कि सरकार उनके साथ है।”