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ट्रंप के खिलाफ 25वें संशोधन की खबर पर पेंस का इंकार, बताया अपमानजनक

Published: Sep 09, 2018 04:37:38 pm

Submitted by:

Shweta Singh

इसी हफ्ते अमरीका के प्रमुख अखबारों में से एक ने अपने संपादकीय पृष्ठ पर एक लेख में दावा किया था कि ट्रंप को उनके पद से हटाने के लिए विचार किया जा सकता है।

वाशिंगटन। अमरीका में हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हटाए जाने की चर्चा उड़ रही थी। वहां के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने अब इसे लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हटाने के लिए 25वें संशोधन की चर्चा में शामिल नहीं हैं।

पेंस ने ऐसी किसी चर्चा की संभावना को सिरे से नकारा

एक टीवी इंटरव्यू में दिए अपने इस बयान में पेंस ने ट्रंप कैबिनेट के सदस्यों के बीच ऐसी किसी चर्चा की संभावना को सिरे से नकार दिया। आपको बता दें कि इसी हफ्ते अमरीका के प्रमुख अखबारों में से एक ने अपने संपादकीय पृष्ठ पर एक लेख में दावा किया था कि ट्रंप को उनके पद से हटाने के लिए विचार किया जा सकता है। पेंस इसी कवरेज पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।

लेख के लेखक एक वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारी

बता दें कि उक्त लेख के लेखक एक वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारी हैं। उन्होंने ट्रंप के लापरवाह निर्णयों को विफल करने वाले दल का हिस्सा होने का दावा किया था। यही नहीं लेखक ने इसमें कैबिनेट में राष्ट्रपति के खिलाफ 25वें संशोधन के संकेत भी दिए थे।

‘मीडिया संस्थान को शर्मिदा होना चाहिए’

हालांकि मीडिया से बात करते हुए पेंस ने न सिर्फ इस अफवाह का खंडन किया, बल्कि उन्होंने इसे अपमान भी बताया। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि संपादकीय लेख के लेखक और स्पष्ट रूप से उस मीडिया संस्थान को शर्मिदा होना चाहिए।’

वर्ष 1967 में जारी हुआ था ये संशोधन प्रक्रिया

गौरतलब है कि 25वां संशोधन उपराष्ट्रपति और कैबिनेट के बहुमत को यह शक्ति देता है कि यदि राष्ट्रपति अपने पद के अधिकारों और कर्तव्यों के निर्वहन में अक्षम पाए जाते हैं तो वे उन्हें हटा सकते हैं। लेकिन वर्ष 1967 में इस संशोधन प्रक्रिया के आने के बाद से अबतक इसका उपयोग नहीं हो सका है।

ट्रंप ने वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाया देशद्रोह का आरोप

दूसरी ओर ट्रंप भी इस संपादकीय लेख को लेकर खासे नाराज हैं। उन्होंने शुक्रवार को महान्यायवादी जेफ सेसंस से लेखक की पहचान की जांच कराने का आग्रह किया था। इसके बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों पर देशद्रोह का आरोप लगाया था।

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