फूट डालने के लगे थे आरोप
जकरबर्ग ने कहा कि जिस तरह मेरे काम का इस्तेमाल लोगों में फूट डालने के लिए किया गया, उसके लिए मैं माफी चाहता हूं, मैं सुधार लाने के लिए बेहतर प्रयास करुंगा। दरअसल, प्रोपब्लिका की एक जांच में सामने आया है कि फेसबुक ने विज्ञापनकर्ताओं को नफरत फैलाने वाली ऑडियंस को सलेक्ट करने का मौका दिया। इससे पहले फेसबुक ने घोषणा की थी कि वह उन 3,000 विज्ञापनों की कॉपी कांग्रेस को मुहैया कराएगा, जिन्हें रूस की एक फेक कंपनी ने जून 2015 से मई 2017 के बीच 1,00, 000 डॉलर में खरीदा था। बताया गया था कि इन विज्ञापनों को लगभग 470 फर्जी अकाउंट से जोड़ा गया था और ऐसे संभावना व्यक्त की गई है कि इन एकाउंट को रूस से संचालित किया जाता था। बता दें कि इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर बताया कि फेसबुक हमेशा से एंटी ट्रंप रहा है। इसीके साथ ही उन्होंने दो राष्ट्रीय अखबारों को भी ट्रंप विरोधी करा दिया है। हालांकि ट्रंप ने अपने अगले ट्वीट में अमरीकी आवाम को उनके साथ होने का दावा किया है। अपनी उपलब्धियों को गिनवाते हुए उन्होंने कि ट्रंप ने 9 महीने में जो कर दिखाया उतना किसी राष्ट्रपति ने नहीं किया। उनके इस ट्वीट के कुछ देर बाद ही बाद ही फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने ट्वीट कर ट्रंप का जवाब दिया है। जकरबर्ग ने कहा कि मैं प्रेसिडेंट ट्रंप के उस ट्वीट का जवाब देना चाहता हूं, जो उन्होंने सुबह में किया है। उन्होंने कहा कि मैं हर दिन लोगों को साथ लाने और सभी के लिए एक कम्यूनिटी तैयार करने का काम करता हूं। फेसबुक के सीईओ ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी को एक आवाज दी जाए और एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जाए जहां सभी को अपनी बात रखने की आजादी हो।