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आधार पर अमरीकी व्सिहल ब्लोवर का तंज, सरकार हमेशा लोगों की निजी जानकारियां जानना चाहती है

locationनई दिल्लीPublished: Jan 05, 2018 05:07:51 pm

Submitted by:

Pradeep kumar

आधार कार्ड मामले में अमरीका के व्सिहल ब्लोवर एड्वर्ड स्नोडेन ने भी ट्वीट कर अपने विचार रखे हैं।

EDWARD SNOWDEN ON AADHAR CARD

वाशिंगटन। आधार कार्ड के डाटा सुरक्षित का मुद्दा इन दिनों देशभर में गरमाया हुआ है। इसकी चर्चा सिर्फ भारत में ही नहीं विदेशों में भी होने लगी है। अब इस मामले में अमरीका के व्सिहल ब्लोवर एड्वर्ड स्नोडेन ने भी ट्वीट कर अपने विचार रखे हैं।

सरकारें हमेशा लोगों की निजी जानकारियां हासिल करने के तरीके ढूंढती हैं :स्नोडेन
एड्वर्ड ने कहा है कि सरकारें हमेशा लोगों की निजी जानकारियां हासिल करने के तरीके ढूंढती रहती हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ‘ सरकार को लोगों की निजी जिंदगियों के बारे में जानने की इच्छा रखती है, यह उनकी “सामन्य प्रवृत्ति” है। इतिहास गवाह है कि ऐसे में कानून कुछ भी हो, नतीजा हमेशा अभद्रपूर्ण होता है।’उन्होंने कहा की कुछ भी कानून बना लें इस मामले की निंदा तो होगी ही।

 

https://twitter.com/Snowden/status/949057892069523459?ref_src=twsrc%5Etfw

आपको बता दें कि वहां के एक पत्रकार जैक विट्टेकर ने भारतीय समाचार-पत्र में आधार मामले में छपी एक खबर के लिंक को ट्वीट किया था। जिसके बाद शुक्रवार को अमरीका के पूर्व सीआईए कर्मचारी और अमरीकी व्सिहल ब्लोवर ने इस खबर को रीट्वीट करते हुए यह बात कही।

 

https://twitter.com/zackwhittaker/status/948999538731311105?ref_src=twsrc%5Etfw

भारत के एक अखबार ने इस मामले थी तहकीकात
गौरतलब है कि गुरुवार को भारत के एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी तहकीकात के बाद यह खबर प्रकाशित की थी। उस रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने सिर्फ 500 रूपए में करीब 100 करोड़ आधार कार्ड का एक्सेस खरीद लिया और यह सौदा कहीं और नहीं बल्कि वॉट्सऐप के एक ग्रुप पर चलाये जाने की बात कही थी। अखबार ने जानकारी में बताया कि इस तहकीकात में उन्हें एक एजेंट के बारे में पता चला, जिसने मात्र 10 मिनट में एक गेटवे और लॉग-इन पासवर्ड दिया। इस गेटवे के मिलने के बाद उन्हें सिर्फ आधार कार्ड नंबर डालना होता और इससे उन्हें किसी भी व्यक्ति के आधार पर दर्ज सभी निजी जानकारी मिल रही थी।

UIDAI की सफाई
हालांकि बाद में UIDAI ने इस सौदेबाजी के संबंध में छपी अखबार की रिपोर्ट के दावों को खारिज कर दिया था। उन्होंने इसे ‘गलत रिपोर्टिंग’ का मामला बताया और यह भी आश्वस्त किया कि सबके आधार की जानकारियां सुरक्षित हैं।

https://twitter.com/ANI/status/948829239729467392?ref_src=twsrc%5Etfw
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