वर्तमान की नीतियां ऐसे मामलों को रोकने में असक्षम
इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ये रिपोर्ट शनिवार को जारी किया गया। इसमें एजेंसी ने ये भी दावा किया है कि पिछले दस सालों में इन आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है और इस दिशा में वर्तमान की नीतियां भी पर्याप्त नहीं हैं, जो आने वाले समय में ऐसे मामलों पर लगाम लगाए। रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में करीब 237 मिलीयन पुरूषों और 46 मिलीयन महिलाओं की मौत शराब पीने से हुई है। इनमें ज्यादातर मामले यूरोप और अमरीका से सामने आए हैं।
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500 पन्नों की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य
करीब 500 पन्नों वाली इस नवीनतम रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि दुनिया में हर साल होने वाली मौतों में से 20 शराब के कारण होती है। इनमें ड्रिंक एंड ड्राइव, शराब पीने के बाद हिंसा, शराब पीने वाली बीमारियां और दूसरे विकृतियों की वजह से हुए मौतों का आंकड़ा शामिल है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस ऐधानॉम गेब्रेयेसस ने इससे संबंधित एक बयान में कहा है कि बहुत से लोगों के लिये शराब के हानिकारक परिणामों का प्रभाव सिर्फ उनपर नहीं बल्कि उनके परिजनों और समाज के लोगों पर पड़ता है। ये प्रभाव हिंसा, चोटों, मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं व कैंसर और हृदयाघात जैसी बीमारियों के तौर पर देखा जा सकता है।