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अमेठी 45 दिनों में हुई 9 हत्याएं, बीजेपी मंत्री बोले – पहले से कम हुआ अपराध

locationअमेठीPublished: Sep 01, 2017 08:06:00 am

यूपी के अमेठी में पिछले 45 दिनों के अंदर 9 हत्याएं हो चुकी हैं।

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अमेठी. यूपी के अमेठी में पिछले 45 दिनों के अंदर 9 हत्याएं हो चुकी हैं। बावजूद इसके भाजपा सरकार के दो मंत्री अपराध के ग्राफ में कमी की बात कर रहे हैं। सबसे ज़्यादा हैरत तो राज्यमंत्री सुरेश पासी के बयान पर है, वो कहते हैं कि हमारी सरकार ने इनकाउंटर शुरु कर दिया है। कोई भी अपराधी पब्लिक को सताएगा तो किसी तरह बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने बहुत तेज़ी से काम करना शुरु कर दिया है। ‘जो घटना करते थे ये पिछली सरकार के लोग थे, अब उनको बहुत छटपटाहट हो रही है, क्योंकि कानून सख्त हो गया है’।

 

इससे पहले 15 अगस्त को अमेठी आए मंत्री मोहसिन रजा ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था मोहसिन रजा ने कहा था कि अपराध पर पूरी तरीके से तो नियंत्रण नहीं हुआ है, लेकिन ये आप मानेंगे कि यूपी में बहुत तेजी से 4 महीने में ग्राफ नीचे आया है। उन्होंने दावा किया था कि हम उम्मीद करते हैं की यूपी को अपराध मुक्त कर देंगे। जानें डेढ़ माह में कब और कहां हुई वारदात इन दोनों मंत्रियों का भले ही दावा हो कि अपराध के ग्राफ में कमी आई है, या कानून सख्त हुआ है और या फिर सरकार इनकाउंटर का सहारा ले रही है किंतु जिले के अपराध का ग्राफ इन मंत्रियों और इनकी सरकार को आईना दिखा रहा है।

 

16 जुलाई 2017 को शुकुल बाज़ार थाने से जिले में हत्या का जो सिलसिला शुरु हुआ उसने थमने का नाम नहीं लिया। आलम ये है के 29 जुलाई को जब मंत्री जी मीडिया को बयान दे रहे थे और उससे पहले जिले के दो अलग थानों में हत्याएं की दो वारदातें अंजाम पा चुकी थी। वहीं जब इसी बढ़ते अपराध के बारे में राज्यमंत्री सुरेश पासी से बात की गई थी तो उनका साफ कहना था की क्या पिछली सरकार में अपराध नही था और जो अपराध कर रहे है पिछली सरकार के लोग है और हमारी सरकार सख्त है इस लिए छटपटाहट हो रही है हमारी सरकार ने तो अपराधियो के एनकाउंटर कर रही है और अपराध पर अंकुश लगा रही है।

जबकि कई एक इन दो वारदातों में घायल भी हुए थे। पेश है क्रमानुसार वारदातों की एक-एक झलक…

केस न. 1 


16 जुलाई को बाज़ार शुकुल थाना क्षेत्र के अन्तर्गत बदलगढ़ निवासी मनीराम सोनकर पुत्र रामआधार की हत्या करके लाश को गाड़ी में सड़क किनारे छोड़ हत्यारे फरार हो गए थे। मृतक के भाई ने गांव के दो लोगों पर आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दिया था। FIR दर्ज हुई और खुलासा आज तक नहीं हो सका।

केस न. 2 


ठीक 12 दिन बाद जामो थाने के सुकाली मौजा नदियावा गांव में एक बीघे जमीन की खातिर 70 वर्षीय दया कुमारी दूबे और उसके पोते की पत्नी अंशु की कुल्हाडी से वार कर हत्या कर दी। इस वारदात को मृतका दया कुमारी के बेटे रामकुमार और अंशु के जेठ विपिन ने मिलकर अंजाम दिया और भाग निकले।


केस न. 3

इन दो वारदातों के ठीक 6 दिन बाद 3 अगस्त को जामों थाने के बरेहटी गांव निवासी पूर्व प्रधान रामसिंह 48 पर उस वक़्त फायरिंग हुई जब वो बाइक से घर जा रहे थे। इस घटना को मुसाफिरखाना कोतवाली के अनखरा गांव के शारदा सहायक नहर खंड 49 के पुल के समीप पहले से घात लगाये बैठे बदमाशों ने अंजाम दिया था। चुनावी रंजिश में अंजाम पाई इस घटना में रामसिंह ने सुलतानपुर के जिला अस्पताल पहुंचते-पहुंचती दम तोड़ा था।

केस न. 4 


पूर्व प्रधान की हत्या के बाद तो जिले में मानों अपराध की बाढ़ आ गई। 24 घंटे नहीं बीते थे कि देर रात कोर्ट से घर लौट रहे मुंशीगंज थाना क्षेत्र के उसरापुर निवासी अधिवक्ता अनुराग पांडेय 48 से एक अज्ञात व्यक्ति ने लिफ्ट मांगा जब वो घर के लिए जामो से भादर रोड पर मुड़े और कुछ दूर आगे जानें के बाद उनका काम तमाम कर दिया। अधिवक्ता की हत्या के बाद दीवानी न्यायालय के वकील एक दिन के लिए कार्य से विरत रहे।


केस न. 5

 

अभी 48 घंटे नही बीते थे कि रक्षाबंधन की शाम (7 अगस्त) बाज़ार शुकुल थाने से महज़ 300 क़दम दूरी पर सर्राफा व्यवसाई जगदीश सोनी एवं उनके पुत्र अजय सोनी पर बाइक सवार बदमाशों ने गोलियां दाग जेवरात और कैश से भरा बैग छीना और चलते बने। हादसे में जहां पिता जगदीश साफ-साफ बच गए वहीं इकलौते बेटे अजय को गोली लग गई। लोग उसे ट्रामा सेंटर लेकर जा रहे थे कि हैदरगढ़ में उसकी मौत हो गई। हां इस केस में गनीमत ये रही कि व्यापारी संगठन एकजुट हो गया तो कुछ दिन पूर्व रायबरेली जिले में उक्त वारदात का खुलासा हुआ।

केस न. 6 


उधर मुसाफिरखाना कोतवाली के कस्बे में बड़े भाई ने कैंसर पीडित छोटे भाई की करोड़ों की बिल्डिंग जालसाजी से हड़प कर ली थी। जिसकी पत्नी विकलांग और दो मासूम बच्चियां थी। महीनों जानलेवा मर्ज से कराहते हुए पुलिस-प्रशासन से न्याय की भीख मांगता रहा। एसडीएम ने पुलिस को कब्जा दिलाने का आदेश भी दिया लेकिन पुलिस सुनती किसकी है। नतीजा ये हुआ कि 24 अगस्त की सुबह बड़ा भाई अपने बेटों आदि के साथ छोटे भाई के घर पहुंचा और उसे सदा के लिए सुला दिया। काफी जद्दोजहद के बाद पोस्टमार्टम और FIR दर्ज हुई। फिलहाल विधवा पत्नी दो बच्चियों को लेकर सड़क पर जिंदगी गुजार रही है।

केस न. 7

रविवार 27 अगस्त अमेठी में ला एन आर्डर उस समय पूरी तरह फेल दिखा जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला हुआ। हुआ ये कि जगदीशपुर थाने के कस्बे में एक हिंदी दैनिक अखबार के पत्रकार दिलीप कौशल पर बाइक सवार बदमाशों ने उस समय फायर कर दिया जब वो घर के सामने बैठे थे। खैर आनन-फानन में सीएचसी से लेकर ट्रामा सेंटर तक उनका इलाज हुआ और अब वो स्वस्थ्य हैं। इस एक केस में पत्रकार संगठन से लेकर शासन और प्रशासन के दबाव में पुलिस ने एक आरोपी को 30 अगस्त को अरेस्ट कर जेल भेजा है।

केस न.8 
29 अगस्त को गौरीगंज थानांतर्गत अत्तानगर गांव में (सोमवार-मंगलवार) की रात बेखौफ बदमाशों ने मेवालाल के परिवार को बंधक बनाकर नगदी व लाखों के जेवर लूटे और विरोध करने पर मेवालाल को कुल्हाडी से काट मौत के घाट उतारा तो उसके साढू को घायल किया। जबकि हादसे में मेवालाल की पत्नी और पुत्री को भी चोटें आई थी।

केस न. 9

सुबह खबर लगते ही बी.सी. दुबे अभी टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण कर रहे कि तभी सुबह के 7:30 के आसपास जामो थानांतर्गत पर्वतपुर गांव में बलवंत सिंह और उनका पुत्र धर्मेंद्र सिंह खेत में काम कर रहा था। उसी समय बदमाशों ने धर्मेद्र सिंह को गोली मार दी, आवाज सुनकर बेटे के बचाव में दौड़े बलवंत को भी हमलवारों ने गोली का निशाना बनाया था। वहीं लखनऊ ले जाते समय धर्मेंद्र की मौत हो गई थी।

एसएसपी बोले जल्द होगा सभी केसों का खुलासा 


सभी केसों में पुलिस ने औपचारिकता निभाने के लिए FIR लिख रखी है। एएसपी बी.सी. दुबे का कहना है कि पुलिस की टीमें खुलासे के लिए लगी भी हैं। जो सच है, दुबे अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी का निर्वाहन कर भी रहे। खुलासा होगा भी आज नहीं तो कल सही, लेकिन बड़ा सवाल ये है 29 अगस्त को दो बड़ी-बड़ी वारदातें अंजाम पा जाती हैं, और उसी दिन जिले के विधायक, सरकार के मंत्री सुरेश पासी फिर किस आधार पर मीडिया को बयान दे रहे हैं के कानून सख्त हो गया है शायद मंत्री जी सरकार की लाज बचा रहे हों!

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