अमेठी की मांओं के लिए एक बड़ी सूचना, बच्चों से प्यार है तो 16 को यहां जरूर आएं
अमेठी. आगामी 16 दिसम्बर को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक “स्वस्थ बच्चे-स्वस्थ अमेठी” थीम पर एक से पाँच साल तक के बच्चों को ध्यान में रखकर 29 प्राथमिक और दो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शिविर आयोजित किए जाएंगे। शिविर में बच्चों के टीकाकरण, आयरन सीरप व डिवार्मिंग की खुराक के साथ ही पोषण पर काउंसिलिंग की समुचित व्यवस्था होगी। इस शिविर के जरिए जिले के 5000 परिवारों तक पहुँचने का स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है।
जनपद को स्वस्थ व खुशहाल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और वस्त्र उद्योग मंत्री व स्थानीय सांसद स्मृति ज़ुबिन ईरानी के दिशा-निर्देश पर अनूठी पहल शुरू की है। इसके तहत हर माह जिले के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर अलग-अलग थीम पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर हर वर्ग के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल की जा रही है।
अमेठी में 16 दिसम्बर को एक से पांच साल तक के बच्चों के लिए स्वास्थ्य शिविर :- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर एम श्रीवास्तव का कहना है कि अब तक जिले में इस तरह के दो शिविर अक्टूबर और नवम्बर माह में आयोजित किए जा चुके हैं। शिविर को स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है और लोग अब इसे उत्सव के रूप में मनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सबसे अधिक जरूरी है कि बच्चों के सम्पूर्ण टीकाकरण के साथ ही पोषण पर सही तरीके से ध्यान दिया जाए।
बच्चों को सभी जरूरी टीके अवश्य लगवाएं :- मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बच्चों के शुरू के 1000 दिन यानि गर्भ में आने से लेकर बच्चे के दो साल का होने तक का समय उसके सही पोषण के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है। यह बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास का समय होता है। इस दौरान हुआ स्वास्थ्यगत नुकसान स्थायी हो जाता है। इसलिए समय से बच्चों को सभी जरूरी टीके अवश्य लगवाएं क्योंकि यह टीके बच्चे को कई तरह की बीमारियों से रक्षा करते हैं।
बच्चे को जन्म के पहले घंटे में मां का गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलाएं :- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर एम श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे को जन्म के पहले घंटे में मां का गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलाएं क्योंकि वह बच्चे के पहले टीके के रूप में होता है। इसके अलावा बच्चे को छ्ह माह तक केवल स्तनपान कराएं क्योंकि उससे बच्चे को उचित खुराक मिल जाती है। इस छ्ह माह के दौरान बाहर का कुछ भी न दें यहाँ तक की पानी भी नहीं, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है। छ्ह माह बाद बच्चे को माँ के दूध के साथ पूरक आहार भी देना शुरू करना चाहिए क्योंकि शारीरिक विकास के इस दौर में पूरक आहार बहुत ही सहायक साबित होते हैं।
डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि इसके प्रति जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अन्नप्राशन दिवस का भी आयोजन करता है, जहां पर इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। सेहतमंद बनाने के जरूरी टिप्स भी दिए जाएंगे :- सीएमओ का कहना है कि इसी को ध्यान में रखते हुए 16 दिसम्बर को आयोजित होने वाले शिविरों में उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी और उनको सेहतमंद बनाने के जरूरी टिप्स भी दिए जाएंगे। शिविर में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) का पंजीकरण भी किया जाएगा। इसके जरिए जहां सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा वहीं स्वास्थ्य केन्द्रों का बेहतर उपयोग भी हो सकेगा।
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